देसी और कलकतिया पान की खेती से होगी तगड़ी कमाई, किसानों को ट्रेनिंग देगी सरकार, जानिए डीटेल
Paan Cultivation: देसी और कलकतिया पान की खेती करने वाले किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. किसानों को उन्नत खेती के गुर के अलावा पान प्रबंधन और कारोबार सिखाया जाएगा. देसी और कलकतिया पान की खेती उत्तर बिहार के जिलों में होती है.
Paan Cultivation: मगही पान की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है. बिहार का मगही पान देश-विदेश में मशहूर है. लेकिन अब देसी और कलकतिया पान भी मशहूर होगा. पान की इन दोनों किस्मों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए बिहार के वैशाली जिले के बिदुपर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य पान फसल के उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ाकर किसानों की कमाई में बढ़ोतरी करना है. बता दें कि उत्तर बिहार में देसी और कलकतिया पान किस्म के पान की खेती होती है.
बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, यहां सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस बनने से देसी और कलकतिया पर रिसर्च होगा. इस उद्देश्य पान उत्पादन के क्षेत्र में हाई तकनीक और उन्नत प्रजाति विकसित करना है. स्थानीय मौसम और तापमान के अनुकूल प्रजाति विकसित की जाएगी.
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किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
चौथे कृषि रोडमैप के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है. राज्य सरकार इसपर 4.69 करोड़ रुपये खर्च करेगी. पान का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को 5 वर्ष में विकसित किया जाएगा. इसके बन जाने के बाद देसी और कलकतिया पान की खेती करने वाले किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. किसानों को उन्नत खेती के गुर के अलावा पान प्रबंधन और कारोबार सिखाया जाएगा. देसी और कलकतिया पान की खेती उत्तर बिहार के जिलों में होती है.
पान का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में पान किसानों को पान के क्षेत्र में विकसित तकनीक से अवगत कराया जाएगा. शेडनेट हाउस, मिस्ट चैंबर, ओपेन फील्ड प्रत्यक्षण, माइक्रो इरीगेशन और अन्य संरक्षित संरचनाएं बनाए जाएंगे. सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तालाब बनाए जाएंगे. स्टोरेज के लिए सोलर माइक्रो कुल चैंबर बनाया जाएगा.
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