Rabi Crops: मौसम में बदलाव की वजह से पारंपरिक कृषि प्रणाली काफी प्रभावित हुई है. रबी फसल की बुआई में बारिश का डर सता रहा है. वहीं खरीफ के लिए बारिश का इंतजार करना पड़ता है. किसानों को इस समस्या का समाधान के लिए सरकार भी एग्री सिस्टम (Agriculture System) में बदलाव के लिए अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से जागरूक कर रही है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, चौथे कृषि रोड मैप के तहत किसानों को बीज के प्रति आत्मनिर्भर बनाने की योजना तैयार की गई है. इसके लिए बिहार के नालंदा जिला के किसानों को बीज उत्पादन के प्रति जागरूक करने के लिए बीज हब याजना की शुरुआत की गई है. रबी के मौसम में गेहूं और मसूर का बीज तैयार होगा. बदलते परिवेश में एग्री सिस्टम में बदलाव लाना जरूरी है. सिंचाई के अभाव में किसान पारंपरिक फसल नहीं लगा पा रहे हैं. इसलिए, किसानों को अब बीज उत्पादन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. रबी के मौसम में इसकी शुरुआत की जानी है.

ये भी पढ़ें- जैविक तरीके से करें इस फल की खेती, कम लागत में पाएं बंपर मुनाफा

बीज का होगा उत्पादन

बीज उत्पादन केंद्र के रूप में 2 गांव का चयन किया गया है. यहां 75 हेक्टेयर में 100 किसान गेहूं और मसूर का बीज तैयार करेंगे. करीब 2300 क्विंटल बीज तैयार होगा. 25 हेक्टेयर में करीब 300 क्विंट मसूर और 50 हेक्टेयर में 2000 क्विंटल गेहूं बीज का उत्पादन होगा. 

मक्के के हाइब्रिड बीज देगी सरकार

राज्य सरकार का रबी सीजन में मक्के के बीज का 100, गेहूं का 36, तेलहन का 40 और दलहन का 40% हाइब्रिड बीज लगाने की तैयारी है. यह योजना चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए हैं. किसानों को इसके लिए बीज पर अनुदान के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल है.