PMMSY: समुद्री शैवाल आयात के लिए दिशानिर्देश जारी, तटीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
Seaweeds Import Guidelines: इनका मकसद बढ़ते समुद्री शैवाल (Seaweeds) उद्योग में बीज की कमी को दूर करना और तटीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना है.
Seaweeds Import Guidelines: मत्स्यपालन विभाग ने जीवित समुद्री शैवाल आयात (Seaweeds Import) करने के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की. इनका मकसद बढ़ते समुद्री शैवाल (Seaweeds) उद्योग में बीज की कमी को दूर करना और तटीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना है. नियामक ढांचे में सख्त रोधक प्रक्रियाएं और जैव सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जिनके तहत आयातकों को राष्ट्रीय समिति से मंजूरी के बाद देश में उच्च गुणवत्ता वाले समुद्री शैवाल के आयात की अनुमति मिलेगी.
2025 तक 11.2 लाख टन समुद्री शैवाल उत्पादन का लक्ष्य
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मंजूरी के बाद, विभाग चार हफ्ते के भीतर आयात परमिट जारी करेगा. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत ने अपनी प्रमुख प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत 2025 तक 11.2 लाख टन के महत्वाकांक्षी समुद्री शैवाल उत्पादन का लक्ष्य रखा है. देश इस समय पर्याप्त गुणवत्ता वाले बीज भंडार को सुरक्षित करने में चुनौतियों का सामना कर रहा है. बता दें कि सरकार ने तमिलनाडु में एक बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क में 127.7 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए नियम
नोटिफिकेशन दिशानिर्देश में जीवित समुद्री शैवाल के आयात प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की गई है जिसमें जीवित समुद्री शैवाल (Seaweeds) के आयात के लिए नियामक ढांचा, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना, शैवाल को कीटों और बीमारियों से बचाने की आवश्यक प्रक्रियाएं, संभावित जैव सुरक्षा के जोखिम मूल्यांकन और संबंधित निगरानी को और मजबूत करने के लिए आयात उपरांत निगरानी शामिल है.
यह दिशानिर्देश समुद्री शैवाल के दायित्वपूर्ण उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा और इससे पर्यावरणीय स्थिरता तथा आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा. नए समुद्री शैवाल की किस्मों के आयात से अनुसंधान और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे लाल, भूरे और हरे शैवाल प्रजातियों का विविधतापूर्ण उत्पादन बढ़ेगा. इससे समुद्री शैवाल प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन उद्यमों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और गांवों में अतिरिक्त आजीविका उत्पन्न होने के साथ ही देश से समग्र निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
दिशानिर्देशों के अनुसार भारत में जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए मत्स्य विभाग को एक विस्तृत आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है जिसपर भारतीय जल क्षेत्र में विदेशज जलीय प्रजाती लाने से संबंधित समिति द्वारा अनुमति दी जाएगी.इसके चार सप्ताह के भीतर विभाग आयात परमिट जारी करेगा जिससे गुणवत्तापूर्ण समुद्री शैवाल जर्मप्लाज्म का आयात हो सकेगा.