Wheat Crop: इन दिनों उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पर रही है. तापमान 2 डिग्री के पास पहुंच गया है. इससे आम जन-जीवन प्रभावित हुई है. लेकिन यह ठंड गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद है. रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो गई थी. किसानों ने मौजूदा रबी सत्र में 6 जनवरी तक 332.16 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की हैं. इन फसलों की कटाई मार्च-अप्रैल में शुरू होगी. गेहूं की फसलों में खरपतवार लगने लगते हैं. खरपतवार से गेहूं की फसल खराब होती है. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने किसानों को जरूरी जानकारी दी है. बिहार सरकार के कृषि विभाग ने किसानों को बताया कि जनवरी माह में कृषि से जुड़े ये काम करने जरूरी हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, राजस्थान (2.52 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (1.69 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.20 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.70 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.63 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.44 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.10 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.06 लाख हेक्टेयर) और असम (0.03 लाख हेक्टेयर) से ज्यादा गेहूं की बुवाई हुई है.

ये भी पढ़ें- Business Idea: अपनी जेब से ₹2 लाख लगाकर शुरू करें ये धांसू बिजनेस, हर महीने होगी लाखों में कमाई, जानिए पूरी डीटेल

जनवरी माह में खेती से जुड़े काम

  • कृषि विभाग के मुताबिक, गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए पहली सिंचाई के बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार रहने पर 2,4-डी सोडियम साल्ट 80% का 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के 25-30 दिनों के अंदर छिड़काव करना चाहिए.
  • सकरी पत्ती वाले खरपतवार ज्यादा होने पर आइसोप्रोट्युरॉन 50% का 2 किलोग्राम या 75% का, 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर फ्लैट फैन नोजलवारी स्पे मशीन छिड़काव करनी चाहिए. 
  • तना छेदक कीट के प्रबंधन के लिए 10 फेरोमीन ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाना चाहिए. अतिआवश्यक होने पर डायमेथोएट 30% ई.सी 750mlका पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, अब खेती से कर रहा मोटी कमाई, आप भी उठाएं फायदा

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें