India GDP: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का योगदान मार्केटिंग गतिविधियों को मजबूती देकर बढ़ाया जा सकता है और इसमें फार्मर्स प्रोड्यूस ऑर्गेनाइजेशंस (FPOs) की अहम भूमिका होगी. शाह ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग पद्धतियों को अपनाने से कृषि  (Agriculture) एक लाभदायक कारोबार बन सकता है.

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इस लक्ष्य को हासिल करने में प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटिज (PACS) और एफपीओ (FPO) मददगार बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि पैक्स (PACS) सहकारी समितियों के बनाए हुए एफपीओ व्यक्तियों, कंपनियों एवं साझेदारियों में बने एफपीओ की तुलना में किसानों को लाभ पहुंचाने में अधिक सक्षम हैं. इसके साथ ही उन्होंने पहले से सक्रिय एफपीओ को पैक्स समितियों के साथ करार करने का भी सुझाव दिया.

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रोजगार के बनेंगे मौके

सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि, पशुपालन और मत्स्यपालन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और इन क्षेत्रों में ग्रोथ होने से न केवल देश की जीडीपी (GDP) बढ़ेगी बल्कि नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे. 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार के 9 वर्षों के कार्यकाल में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया.  शाह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह 22,000 करोड़ रुपये था.

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उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में खासी बढ़ोतरी की है और कृषि उपज की खरीद व्यवस्था को भी सशक्त किया है. कृषि मंत्री (Agriculture Minister) नरेंद्र सिंह तोमर और सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.

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