डेयरी फार्मिंग से कमाएं मोटा मुनाफा, योगी सरकार देगी 11.80 लाख रुपये, आवदेन के लिए जरूरी होंगे ये डॉक्यूमेंट्स
Dairy Farming: योगी सरकार (Yogi Government) ने 'मिनी नंदनी कृषक समृद्धि योजना' के तहत पशुपालकों को अनुदान देने का फैसला लिया गया है. एक डेयरी फार्म खोलने की न्यूनतम लागत 25 लाख रुपये तय की गई है.
Dairy Farming: डेयरी फार्म शुरू करने का सुनहरा अवसर है. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कमर कस ली है. इसके लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने 'मिनी नंदनी कृषक समृद्धि योजना' के तहत पशुपालकों को अनुदान देने का फैसला लिया गया है. एक डेयरी फार्म खोलने की न्यूनतम लागत 25 लाख रुपये तय की गई है.
10 गोवंश का किया जाएगा पालन
एक इकाई में 10 स्वदेशी उन्नतशील गोवंश भी पाले जाएंगे. इनसे दुग्ध उत्पादन किया जाएगा. मिनी नंदनी कृषक इकाई का चयन 4 सदस्यों की कमेटी करेगी. इनके चयन कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी को अध्यक्ष को नामित किया गया है. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को संयोजक सचिव, लीड बैंक ऑफिसर व उप दुग्धशाला विकास अधिकारी को सदस्य बनाया गया है.
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कितनी मिलेगी सब्सिडी
एक इकाई की स्थापना करने के लिए लगभग 23.60 लाख रुपये की लागत आती है. इसमें विभाग लगभग 50% सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाएगा. यानी लगभग 11.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी.
पशुपालन विभाग के मुताबिक, मिनी नंदनी कृषक समृद्धि योजना के तहत हाइटेक डेयरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी. कैटल शेड और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा.
पफ पैन का भी उपयोग होगा. ताकि मौसम की मार से पशुओं को बचाया जा सके. यही नहीं, योजना के तहत चुने गए पशुपालकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. ताकि वह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बेहतर पशु प्रबंधन कर सकें.
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यह दस्तावेज होंगे जरूरी
लाभार्थी का आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, पशुपालन क्षेत्र में अनुभव का प्रमाण, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, निवास स्थान का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाया जाएगा.
यूनिट स्थापना के लिए पात्रता की शर्त
- मिनी नंदनी इकाई की स्थापना के लिए गौ-पालक के पास 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
- इसके साथ ही 8712 वर्ग फुट की जमीन उपलब्ध होनी चाहिए.
- इसके साथ ही 34,848 वर्ग फुट जमीन चारा उत्पादन के लिए खुद, पैतृक या किराये पर होनी जरूरी है.
- साथ ही पशुपालन के क्षेत्र में 3 साल का अनुभव होना जरूरी है.
- गोपालन से जुड़ी किसी अन्य योजना का लाभार्थी पात्र नहीं होना चाहिए.