Farmers News: किसानों के लिए अच्छी खबर है. सहकारिता मंत्रालय ने किसानों की तरक्की के लिए नई पहल की है. इसके तहत एक्सपोर्ट में म‍िलने वाले फायदे में से 50 फीसदी फायदा किसानों के साथ साझा किया जाएगा.  यह होगा नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के जरिए. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा,  NCEL को अबतक 7,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं. शाह ने एनसीईएल का ‘लोगो’ (Logo) और वेबसाइट जारी करते हुए कहा कि एनसीईएल 15,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पर बातचीत कर रही है.

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एनसीईएल (NCEL) को इस साल 25 जनवरी को बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड किया गया था. उन्होंने कहा कि एनसीईएल सहकारी समितियों को वैश्विक निर्यात बाजार का दोहन करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करने वाले उत्पादों का उत्पादन करने में मदद करेगी. देश में करीब 8 लाख सहकारी समितियां हैं, जिसके 29 करोड़ से अधिक सदस्य हैं.

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अब तक 7000 करोड़ रुपये के मिले ऑर्डर

शाह ने कहा, वर्तमान में एनसीईएल (NCEL) एक अस्थायी कार्यालय से काम कर रही है. हम कर्मचारियों की भर्ती कर रहे हैं. अबतक हमें (एनसीईएल) 7,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं और 15,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पर बातचीत जारी है.

किसानों को मुनाफे में 50 फीसदी मिलेगी हिस्सेदारी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनसीईएल सहकारी समितियों के सदस्य किसानों से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी. उन्होंने कहा कि एनसीईएल को निर्यात से मिलने वाले कुल लाभ में से आधा यानी करीब 50% सीधे सदस्य किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा. मुनाफा एमएसपी के इतर होगा. उन्होंने कहा, चाहे गेहूं हो, चीनी हो या दुग्ध उत्पाद, किसानों को फिलहाल कुछ नहीं मिलता. एनसीईएल कम से कम 50% मुनाफा किसानों के साथ साझा करेगी.

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NCEL न केवल निर्यात से मुनाफा कमाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, बल्कि किसानों को निर्यात बाजार के लिए उत्पाद बनाने में भी मदद करेगी. उन्होंने कहा कि इससे ब्रांडिंग, पैकेजिंग, गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे के बारे में जागरूक करने, न्यूनतम शुल्क पर उत्पादों के मानकीकरण के लिए मापदंड स्थापित करने में मदद मिलेगी. 

निर्यात बाजार में सहकारी समितियों की खराब उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए शाह ने कहा कि वर्तमान में कपास, चीनी और दूध जैसी कुछ वस्तुओं के समग्र उत्पादन में इसके योगदान की तुलना में निर्यात में सहकारी क्षेत्र का योगदान बहुत कम है.

उन्होंने कहा कि हालांकि सहकारी समितियां चीनी उत्पादन में 30% का योगदान देती हैं, लेकिन निर्यात में यह केवल 1% है. इसी तरह दूध उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी 17% है, लेकिन निर्यात में यह 2% से कम है. शाह ने कहा कि निर्यात के लिए एक बड़ा अवसर है.

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इन प्रोडक्ट्स की विदेशों में मांग

उन्होंने कहा कि एनसीईएल की स्थापना इस अंतर को पाटने और सहकारी समितियों को निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करने के लिए की गई है, जिससे ग्रामीण आय को बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि दुग्ध उत्पाद, मसाला, एथनॉल, जीरा, ईसबगोल और जैविक उत्पादों जैसी भारतीय वस्तुओं की भारी वैश्विक मांग है.

उन्होंने कहा कि एनसीईएल (NCEL0 छह उद्देश्यों को हासिल करने की दिशा में काम करते हुए सहकारी क्षेत्र को नई ताकत देगी. ये छह उद्देश्य निर्यात बढ़ाना, किसानों/ग्रामीण आय बढ़ाना, फसल के तरीके को बदलना, जैविक उपज, जैव ईंधन के लिए वैश्विक बाजार का दोहन और साथ ही सहकारी क्षेत्र को मजबूत करना है.

निर्यात निकाय सहकारी समितियों को वैश्विक बाजार में मांग वाली फसलें उगाने के तरीके को बदलने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि इससे जैविक उत्पादों के निर्यात में भी मदद मिलेगी. शाह ने कहा, मुझे विश्वास है कि एनसीईएल इफको और अमूल की तरह एक सफल उद्यम के रूप में उभरेगी.

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उन्होंने कहा कि कहा कि सहकारी निर्यात निकाय में पहले से ही 1,500 सदस्य हैं और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि तहसील स्तर पर कम से कम एक सहकारी निकाय इसके साथ जुड़ा हो. 

कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एनसीईएल के निर्माण से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। यह देश की बढ़ोतरी और ग्रामीण बदलाव में योगदान देगा. मंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों को निर्यात बाजार के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करने वाले गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

एनसीईएल के पास अधिकृत शेयर कैपिटल 2,000 करोड़ रुपये है और निर्यात में रुचि रखने वाली प्राथमिक से शीर्ष स्तर तक की सहकारी समितियां इसकी सदस्य बनने के लिए पात्र हैं.