केंद्रीय वित्त एवं कंपनी कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कंपनी कानून में बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने छोटी-छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक भूलों से कंपनी कानून के उल्लंघन के मामलों को अपराध से मुक्त करने का फैसला लिया है.

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ऐसी चूकों को पहले अपराध की श्रेणी में रखा जाता है लेकिन अब इन्हें आपराधिक सूची से हटा दिया जाएगा. मसलन, कारोपोरेट सोशल रिस्पांबिलीटी यानी सीएसआर की रिपोर्टिंग में अगर कहीं कोई कमी रह गई हो या बोर्ड रिपोर्ट में चूक हो गई हो या फाइलिंग के समय कोई कमी रह गई हो या फिर सालाना आम बैठक यानी एजीएम में देरी हो गई, ऐसी चूकों या भूलों को अब अपराध नहीं माना जाएगा.

आत्मनिर्भर भारत अभियान (atma nirbhar bharat) के तहत घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की पांचवीं और अंतिम कड़ी का ब्योरा देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि अधिकांश प्रशम्य(कंपाउंडेवल) अपराधों की धाराओं को बदलकर आंतरिक निर्णय प्रक्रिया यानी आईएएम के तहत कर दिया गया है.

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इस संशोधन के बाद आईएएम के तहत 58 धाराएं होंगी जबकि पहले इसमें 18 धाराएं थीं.

वित्तमंत्री ने कहा कि इस बदलाव से अदालतों ओर रष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण पर मुकदमों का बोझ कम होगा.