सरकार ने इस तरह बचाए 90000 करोड़ रुपये, इस तकनीक ने दिखाया कमाल
Direct benefit transfer : सरकार भारत नेट योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिए सरकारी सेवाएं पहुंचने की बड़ी योजना चला रही है. साझा सुविधा केंद्रों (सीएससी) के जरिए 115 तरह की सेवाएं दी जा रही हैं.
केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने सरकारी योजनाओं में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) से सरकार ने एक साल में 90 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं. इसके आगे और भी बढ़ने की गुंजाइश है. सिन्हा यहां विज्ञान भवन में एक स्वयंसेवी संस्था अष्टव्रत इंडिया फाउंडेशन की ओर से "सामाजिक उद्यमिता एवं उसके माध्यम से समाज के विकास" विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. सिन्हा ने कहा, "सरकारी सहायता और लाभ को सीधे लाभार्थियों के खाते में डालने से सालभर में 90 हजार करोड़ रुपये बचे हैं."
सीएससी के जरिए 115 तरह की सेवाएं
मनोज सिन्हा ने सवालों के जवाब में कहा कि सरकार भारत नेट योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिए सरकारी सेवाएं पहुंचने की बड़ी योजना चला रही है. साझा सुविधा केंद्रों (सीएससी) के जरिए 115 तरह की सेवाएं दी जा रही हैं. इनमें जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र से लेकर बैंकिंग सुविधाएं तक शामिल हैं. भविष्य में पांच लाख गांवों को डिजिटल प्रौद्योगिकी से जोड़ने का लक्ष्य है. सिन्हा ने कहा कि देश की तकदीर तकनीक है और तकनीक के माध्यम से लोगों को सशक्त करना, जोड़ना और उनकी सामूहिक ताकत को जागृत करना आसान हुआ है.
दो लाख गांवों में साझा सेवा केन्द्र
सिन्हा ने देश के ग्रामीण इलाकों में ऑप्टिक फाइबर केबल के माध्यम से दो लाख गांवों में साझा सेवा केन्द्र खोले जाने का उल्लेख किया और कहा कि इससे गांवों में लोगों को डिजिटल माध्यम से मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र से लेकर बैंकिंग सुविधायें तक इन सेंटरों में मिल रहीं हैं. कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य एवं प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख डॉ विवेक देवराय, स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय शंकर और दिल्ली विश्वविद्यालय में फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़ की डीन प्रो. सुनीता सिंह सेनगुप्ता ने भी भाग लिया.
(इनपुट एजेंसी से)