आम आदमी को मिलेगी राहत, कम होगी EMI, जानें RBI पॉलिसी की 10 खास बातें
भारतीय रिजर्व बैंक की गुरुवार को अपनी क्रेडिटी पॉलिसी जारी कर दी है. शीर्ष बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है.
भारतीय रिजर्व बैंक की गुरुवार को अपनी क्रेडिटी पॉलिसी जारी कर दी है. शीर्ष बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है. लगातार तीसरी बार आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है. रिजर्व बैंक अब बैंकों को 5.75 फीसदी पर कर्ज उपलब्ध कराएगा.
इस कटौती के बाद रेपो रेट 9 साल में सबसे कम हो गया है. इससे पहले आरबीआई ने अपनी फरवरी और अप्रैल की पॉलिसी में भी RBI ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी.
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के कुछ खास बिंदु-
- रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती. रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत.
- रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत.
- वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर 7% किया.
- डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये RTGS और NEFT पर शुल्क खत्म की घोषणा.
- एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिये समिति का गठन.
- छोटे वित्तीय बैंकों के लिए लाइसेंसिंग देने पर दिशानिर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक.
- खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान अप्रैल-सितंबर के लिए 3.0-3.1% किया गया है.
- खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान अक्टूबर-मार्च के लिये 3.40-3.70% किया गया है.
- निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
- मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को.
- फंसे कर्ज (NPA) के वर्गीकरण को लेकर संशोधित परिपत्र 3-4 दिनों में जारी किया जाएगा.