जोमैटो के स्वामित्व वाले इंस्टैंट डिलिवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट का घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में 8.2 फीसदी बढ़कर 1,078.9 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में उसे 996.7 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. एनट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के कुल व्‍यय में 29.2 फीसदी डिलिवरी और संबंधित शुल्क पर खर्च हुये. रिपोर्ट में कहा गया है, "यह लागत वित्त वर्ष 2021-22 के 235.9 करोड़ रुपए से 2.4 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 565.8 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. कर्मचारी, विज्ञापन, किराये और आउटसोर्सिंग मानव शक्ति पर खर्च मिलाकर मार्च में समाप्‍त वित्त वर्ष में कुल व्‍यय 1,939 करोड़ रुपए पर पहुंच गया."

ब्लिंकिट के रेवेन्यू में 3 गुना उछाल

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रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के पास दाखिल बयान के मुताबिक, ब्लिंकिट ने अपने राजस्व में तीन गुना उछाल दर्ज किया. परिचालन से इसका राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 724.2 करोड़ रुपए हो गया, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 236.1 करोड़ रुपए था. रिपोर्ट में कहा गया है, "ब्लिंकिट मार्केटप्लेस कमीशन से पैसा कमाता है, जो कुल परिचालन राजस्‍व का 55.9 फीसदी है. पिछले वित्तीय वर्ष में यह आय 2.75 गुना बढ़कर 404.5 करोड़ रुपए हो गई, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 146.8 करोड़ रुपए थी."

ब्लिंकिट को Zomato ने खरीद लिया है

ब्लिंकिट को जोमैटो ने एक ऑल-स्टॉक डील में 56.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था. ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दो करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ और 2,416 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया था जो साल-दर-साल आधार पर 70.9 फीसदी अधिक है. पिछले साल की समान तिमाही में जोमैटो को 186 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान हुआ था जबकि उसका राजस्‍व 1,414 करोड़ रुपए रहा था. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया था कि इंस्टैंट वाणिज्य (ब्लिंकिट) व्यवसाय 30 जून 2023 को समाप्‍त तिमाही में पहली बार मुनाफे में आया था. आंकड़ों के अनुसार, इसके लेनदेन करने वाले ग्राहकों की संख्‍या एक साल पहले के 1.67 करोड़ से बढ़कर 1.75 करोड़ पर पहुंच गई.

 

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