महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि ड्रोन तकनीक और कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग से आगे चलकर सिंचाई और कृषि क्षेत्र की सूरत बदलने में मदद मिलेगी. भारत में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिये स्थापित केंद्र की पहली कार्यशाला को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियों से पूर्वानुमान लगाने की प्रक्रिया में भी सुधार होगा. यह किसानों को कृषि उपज के लिये पहले से तैयार रहने में मदद करेगा. 

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विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने केंद्र की स्थापना के लिये महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था. यह केंद्र औद्योगिक क्रांति 4.0 प्रौद्योगिकियों से समाज के बड़े हिस्से को लाभान्वित करेगा. इसमें आईओटी, ब्लॉकचेन, एआई समेत अन्य तकनीकी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, "औद्योगिक क्रांति के साथ कृत्रिम मेधा हर कारोबार की सूरत को बदल रहा है. यह कारोबार को और विश्वसनीय और दक्ष बना रहा है." उन्होंने कहा कि सिंचाई क्षेत्र में भी कुछ तकनीकी सुधार देखने को मिल रहा है. इस क्षेत्र में सटीक पूर्वानुमान लगाने के लिये कोई उचित मूल्यांकन उपकरण नहीं है. 

फडणवीस ने कहा, "लेकिन कृत्रिम मेधा से लैस ड्रोन तकनीकी से जानकारी सुलभता से प्राप्त होगी. मुझे लगता है कि इससे सिंचाई विभाग की दक्षता और सटीकता बढ़ेगी और हमें जानतें होंगे कि हम जो दावा कर रहे हैं वो सही है. इससे विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा." उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, कृषि क्षेत्र को मौसम से जुड़ी अनिश्चितताओं और जलवायु परिवर्तन पर विचार करने के लिये भी स्थिरता की जरूरत है. जिसके चलते बड़ी क्षति होती है. उन्होंने कहा, "ड्रोन और एआई के माध्यम से इन सभी चीजों का आकलन किया जा सकता है और हम किसानों तक संकट से पहले पहुंच सकते हैं."

(भाषा)