देश भर के व्यापारियों बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर जुटेंग. व्यापारी खुदरा कारोबार में एफडीआई और ई कॉमर्स कंपनियों का विरोध कर रहे हैं. व्यापारियों के संगठन संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 19 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक रैली का आयोजन करने की घोषणा की है. कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इस मौके पर कहा कि देश भर के खुदरा व्यापारी लम्बे समय से रीटेल में एफडीआई को रोके जाने व ई कॉमर्स कंपनियों पर लगाम लगाने की मांग कर रहे हैं. पर सरकार ने अब तक इनको ले कर कोई निर्णय नहीं लिया है. इसी मजबूरी के चलते व्यापारियों को यह रैली करनी पड़ रही है. इस रैली में देश भर से एकत्र होंगे और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे.

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ई कॉमर्स कंपनियों के लिए नहीं है कानून

खंडेलवाल ने कहा कि देश में ई कॉमर्स के लिए कोई कानून न होने के कारण से ऑनलाइन कंपनियां बाज़ार से प्रतिस्पर्धा को ख़त्म करने और अपना एकाधिकार जमाने के लिए अपनी मनमर्जी से लागत से भी कम मूल्य पर माल बेच रही हैं. ये एफडीआई नीति के विरूद्ध है. नियमों के विरुद्ध खुलेआम माल बेचने के बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे वो और अधिक नीति का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को ऑनलाइन कंपनियों के लिए ई कॉमर्स पालिसी तुरंत बनानी चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि ई कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाना चाहिए.

रिटेल में एफडीआई का कर रहे विरोध

रिटेल में एफडीआई को अनुमति देने की सीआईआई की मांग की भी कैट ने कड़ी आलोचना की है. कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने सीआईआई द्वारा मल्टीब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति देने की गई मांग की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की सीआईआई विदेशी कंपनियों और बड़े कॉर्पोरेट घरानों का भोपू है जो देश के रिटेल बाज़ार पर कब्ज़ा करना चाहते है और ये विदेशी कंपनियां और कॉर्पोरेट घराने सीआईआई को फण्ड देते है इसलिए सीआईआई ने इनको खुश रखने के लिए ऐसी मांग की है. ये मांग तर्कहीन है और इसका विपरीत प्रभाव देश के करोड़ों लोगों और छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा.

सीआईआई की मांग का भी किया विरोध

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि सीआईआई विदेशी और बड़ी कंपनियों एवं उद्योगों का संगठन है इस दृष्टि से रिटेल व्यापार उसका क्षेत्र नहीं है और इस नाते से रिटेल व्यापार के बारे में सीआईआई का कोई टिपण्णी करना बेमानी है.  सीआईआई ने रिटेल व्यापार पर जो रिपोर्ट बनाई है वो विदेशी कम्पनी एटी किरने के सहयोग से बनाई गई है और स्वाभाविक है की यह रिपोर्ट विदेशी कंपनियों और बड़े कॉर्पोरेट घरानों के अजेंडे को ही आगे बढ़ाएगी इसलिए रिटेल में एफडीआई को अनुमति देने की मांग सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में की है. सीआईआई को चाहिए की वो अपने को केवल उद्योग के विषयों तक ही सीमित रखे और जो उसका क्षेत्र नहीं है उसमें बिना मतलब की दखलंदाज़ी न करे भर्तिया ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर रिटेल व्यापार में एफडीआई को स्वीकार नहीं करेंगे और उसको रोकने के लिए हर संभव उपाय करेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी रिटेल में एफडीआई की वकालत करेगा उसको देश के 7 करोड़ व्यापारियों की नाराज़गी का शिकार होने के लिए तैयार रहना चाहिए.