व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चेताया है कि केंद्र के अलावा राज्य कर प्रशासन को किसी भी करदाता के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की अनुमति से व्यापारियों को परेशान करने का रास्ता खुलेगा और कर प्रणाली जटिल होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र में कैट ने दावा किया कि जीएसटी परिषद द्वारा केंद्र के अलावा राज्य कर प्रशासन को करदाताओं के ऊपर अधिकार से न केवल अधिकार का दोहरीकरण होगा और साथ ही व्यापारियों के शोषण का रास्ता खुलेगा, लेकिन साथ ही कराधान प्रणाली भी जटिल होगी. 

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इससे पहले इसी साल केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने फील्ड अधिकारियों को भेजी सूचना में कहा कि किसी भी करदाता के खिलाफ खुफिया सूचना आधारित प्रवर्तन कार्रवाई केंद्र के अलावा राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा की जा सकती है बेशक संबंधित करदाता उनके आधिकारिक अधिकार क्षेत्र में आता हो या नहीं. 

जेटली को लिखे पत्र में कैट ने कहा कि दो अधिकार क्षेत्रों के अधिकारियों द्वारा किसी एक समय पर एक साथ आकलन से कारोबार सुगमता का सिद्धान्त प्रभावित होगा. व्यापारियों के लिए दो कर प्रशासनों को तय नियमों और नियमनों के तहत किसी चीज का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा. कैट ने वित्त मंत्री से इस मामले पर गौर करने और जीएसटी परिषद से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है.