1फरवरी से देश में लागू हो जाएगी ये पॉलिसी, देश भर के खुदरा व्यापारियों में उत्साह
व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) को उम्मीद है कि बजट में सरकार ई कॉमर्स पर एफडीआई पालिसी को लेकर घोषणा कर सकती है. हाल ही में कैट की ओर से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिख कर इस पॉलिसी को 01 फरवरी को लागू करने की मांग की थी.
सरकार ने देश में ई कॉमर्स में एफडीआई पालिसी को 01 फरवरी से लागू करने को ले कर घोषणा कर दी है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से ई कॉमर्स कंपनियां सरकार से इस पॉलिसी को लागू करने के लिए कुछ समय की मांग कर रही थीं. वहीं दूसरी तरफ व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिख कर इस पॉलिसी को 01 फरवरी को लागू करने की मांग की थी. व्यापारियों की ओर से पत्र में लिखा गया था कि यदि किसी भी दबाव में ई कॉमर्स पर एफडीआई पालिसी को लागू करने की तारीख 1 फरवरी को आगे बढ़ाया या स्थगित किया तो व्यापारी सरकार की इस नीति का विरोध सड़क पर उतर कर करेंगे. सरकार के ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ मजबूर होकर देश के 7 करोड़ व्यापारियों को एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ना पड़ेगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इस मौके पर कहा कि ये व्यापारियों की बड़ी जीत है. वहीं ई कॉमर्स कंपनियों की ओर से लागत से कम मूल्य पर सामान बेचने पर रोक लगेगी.
देश में 7 करोड़ हैं व्यापारी
कैट के अनुसार देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं जो लगभग 30 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं और देश का रिटेल व्यापार प्रतिवर्ष लगभग 42 लाख करोड़ रुपये का है जिस पर कब्ज़ा जमाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने ई कॉमर्स का रास्ता चुना है.
कंपनियों ने मांगा था कुछ समय
कैट के अनुसार कुछ बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां पालिसी समझने का कुछ और वक़्त मांग रहीं थी. कंपनियों का कहना था कि उन्हें अपने बिज़नेस मोडल को पालिसी के अनुसार बदलने के लिए समय चाहिए और लिहाजा इस आधार पर पालिसी की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया जाए. इसके विरोध में व्यापारियों की ओर से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेजा गया था. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह साफ है की ये ई कॉमर्स कंपनियां गत दो वर्षों से पालिसी का उल्लंघन कर रही थी और उनका सारा व्यापार केवल अस्वस्थ व्यापारिक नीतियों पर टिका था और ऐसे में उनके पालिसी उल्लंघन को ठीक करने के लिए सरकार समय दे ये उचित नहीं होगा.
नियमों के उल्लंघन की जांच हो
संगठन की ओर से मांग की गई है कि सरकार की ओर से ई कॉमर्स पॉलिसी को लाने में देरी की गई तो देश भर के व्यापारी लामबंद होंगे और अपना संघर्ष तेजी के साथ शुरू करेंगे. संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु से मांग की है की इन कंपनियों द्वारा गत दो वर्षों में जो पालिसी का उल्लंघन किया गया है उसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया जाए और दोषी कंपनियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए वहीँ दूसरी ओर पालिसी को समुचित रूप से लागू करने के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाए तथा जो पाबंदियां एफडीआई में लागू हैं वो पाबंदियां घरेलू ई कॉमर्स कंपनियों पर भी लागू की जाये जिससे बाजार में एकरूपता बनी रहे और कोई भेदभाव न हो.