चीन के सबसे अमीर और शक्तिशाली व्‍यक्ति जैक मा ने कहा है कि चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर का दीर्घकालिक असर होगा. उन्‍होंने कहा कि जितना सोचा जाएगा उसे कहीं ज्‍यादा बर्बादी होगी. यह लड़ाई 20 साल तक खिंच सकती है यानी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का कार्यकाल खत्‍म होने के बाद भी जारी रह सकती है. क्‍योंकि, दोनों ही देश दुनिया की दो सबसे ताकतवर आर्थिक शक्तियां हैं. जैक मा की राय में चीन को अमेरिका से भिड़ने के बजाय अपना कारोबारी बेस बढ़ाना चाहिए. इस दौरान अलीबाबा के चेयरमैन जैक मा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किया वादा भी तोड़ दिया.

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ट्रंप से किया था वादा

जैक मा ने डोनाल्ड ट्रंप से वादा किया था कि उनकी कंपनी अमेरिका में 10 लाख लोगों को रोजगार देगी. लेकिन, दोनों देशों के बीच चल रही ट्रेड वॉर का ही नतीजा है कि जैक मा ने वादा तोड़ दिया और कहा कि वह 10 लाख रोजगार देने का वादा पूरा नहीं कर सकते. चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, मा ने अमेरिका को नसीहत दी है कि उसे दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में कारोबार फैलाने के लिए सोचना चाहिए.

दो साल पहले किया था वादा

जैक मा ने दो साल पहले डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान ही उन्होंने 10 लाख अमेरिकी कारोबारियों को अलीबाबा के जरिए चीन के लोगों को सामान बेचने की योजना पेश की थी. मा ने उस वक्त 5 साल में यह प्लान पूरा करने का वादा किया था. अब उनका कहना है कि, ‘चीन-अमेरिका के मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों के आधार पर वादा किया था. मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे पूरा करना संभव नहीं.’

20 साल तक चल सकती है लड़ाई

जैक मा ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर जल्द खत्म होने वाला नहीं है. यह लड़ाई लंबी चलेगी. 20 साल चल सकती है. इससे सभी को नुकसान होगा. व्यापारिक विवादों से चीन और दूसरे देश की कंपनियों को नुकसान होगा. इंपोर्ट ड्यूटी से छुटकारा पाने के लिए चाइनीज कंपनियां अमेरिका के बजाय दूसरे देशों का रुख कर सकती हैं. आपको बता दें, अमेरिका ने सोमवार को 200 अरब डॉलर के चाइनीज इंपोर्ट पर 10% शुल्क लगा दिया था. अगले ही दिन चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 60 अरब डॉलर के अमेरिकी इंपोर्ट पर टैरिफ लगाया.

बातचीत से सुलझ सकता है व्‍यापार युद्ध: चीन

इससे पहले चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के बीच मुक्त व्यापार के लिए वैश्विक समर्थन की अपील करते हुए कहा कि एकतरफावाद से उन व्यापारिक विवादों का हल नहीं निकलेगा, जिन्हें बातचीत से सुलझाया जा सकता है. ली ने विश्व आर्थिक मंच के ग्रीष्म सत्र को तियान्जिन में संबोधित करते हुए उन आशंकाओं को भी खारिज कर दिया कि चीन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपनी मुद्रा को कमजोर कर रहा है.