नॉन लिस्टेड कंपनियों में विदेशी निवेश पर आ सकते हैं टैक्स के नए नियम, आयकर विभाग कर रहा तैयारी
Income tax News: संशोधन की जरूरत इसलिए महसूस की जा रही है कि आयकर अधिनियम और फेमा कानून में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के एफएमवी के कैलकुलेशन के लिए अलग-अलग तरीके दिए गए हैं.
Income tax News: आयकर विभाग (Income tax) अनिवासी निवेशकों पर कर लगाने के उद्देश्य से गैरसूचीबद्ध कंपनियों (non listed companies) के शेयरों के उचित बाजार मूल्य (एफएमवी) का पता लगाने के लिए आयकर अधिनियम के तहत संशोधित मूल्यांकन नियम (new tax rules on foreign investment) जारी कर सकता है. भाषा की खबर के मुताबिक, आयकर विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस संशोधन की जरूरत इसलिए महसूस की जा रही है कि आयकर अधिनियम और फेमा कानून में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के एफएमवी के कैलकुलेशन के लिए अलग-अलग तरीके दिए गए हैं.
नियम फिर से होगा निर्धारित
खबर के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि आयकर अधिनियम के नियम 11यूए (Income tax Rule 11UA) को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के मुताबिक, बनाने के लिए हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए फिर से निर्धारित किया जाएगा. नियम 11यूए अचल संपत्ति के अलावा दूसरी संपत्ति के एफएमवी के निर्धारण से संबंधित है. वित्त विधेयक, 2023 में आयकर अधिनियम के अनुच्छेद 56(2) में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है. इससे निवेश और आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग (DPIIT) से मान्यता-प्राप्त स्टार्टअप को छोड़कर गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में किए जाने वाले विदेशी निवेश (foreign investment)को कर दायरे में लाया जा सकेगा
ऐसे स्टार्टअप में निवेश पर कोई TAX नहीं
हालांकि डीपीआईआईटी (DPIIT) से मान्यता-प्राप्त और निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले स्टार्टअप में निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा. मौजूदा नियमों के मुताबिक, केंद्रीकृत नियंत्रण वाली कंपनियों में किए गए घरेलू निवेशकों या निवासियों के निवेश पर ही उचित बाजार मूल्य के ऊपर टैक्स लगाया जाता है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग ने पिछले साल के आखिर में कहा था कि उभरते उद्यमियों के लिए ईकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार की कोशिशों के चलते देश की स्टार्टअप साल 2023 में अच्छा-खासा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करेंगी.
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