वट्सऐप, स्काईप, गुगल डूओ जैसी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए ट्राई कुछ गाइडलाइन जारी कर सकता है. संभव है कि अब तक आपको मुफ्त में मिल रही इन सेवाओं के लिए मामूली शुल्क भी देना पड़े. इस बारे में अंतिम निर्णय लेने के पहले ट्राई ने सभी पक्षों से सुझाव लेने के लिए एक कंसलटेशन पेपर पेश किया है. इस पर 10 दिसम्बर तक सभी पक्षों को अपने सुझाव रखने हैं.

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टेलिकॉम कंपनियों की क्या है आपत्ति

दरअसल सभी टेलिकॉम सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने कहा है कि वो ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए काफी पैसा लगा कर एक नेटवर्क तैयार करते हैं. इस नेटवर्क का प्रयोग वट्सऐप, स्काईप, गुगल डूओ जैसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म मुफ्त में कर रहे हैं. वहीं उनकी ओर से वॉइस कॉलिंग व मैसेजिंग सेवाएं दिए जाने से टेलिकॉम कंपनियों को काफी नुकसान होता है. टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म उनका नेटवर्क प्रयोग कर के मोटा मुनाफा कमा रहे हैं और कोई शुल्क भी नहीं दे रहे हैं. ऐसे में उन पर लगाम लगनी चाहिए.

विशेषज्ञों के अनुसार लग सकती है लगाम

टेलिकॉम के क्षेत्र में लम्बे समय से काम कर रहे हेमंत उपाध्याय के अनुसार यहां पर टेलिकॉम कंपनियों की मांग जायज है. उनको वॉइस और मैसेजिंग सेवाओं के लिए लाइसेंस दिया गया है. ऐसे में सोशल मीडिया साइटों की ओर से मुफ्त में ये सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने से उनका कारोबार प्रभावित होता है. कुछ समय पहले भी स्काइप कॉल को ले कर टेलिकॉम कंपनियों ने सवाल उठाए थे इसके बाद देश के अंदर बात करने के लिए स्काइप कॉल पर रोक लगा दी गई थी वहीं देश के बाहर स्काइप के जरिए कॉल करने को अनुमति दी गई थी.