टाटा Vs मिस्त्री; NCLAT के ऑर्डर को चुनौती दे सकता है कॉरपोरेट मंत्रालय : सूत्र
साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को दोबारा टाटा संस (Tata Sons) का वाइस चेयरमैन नियुक्त किए जाने के आदेश के खिलाफ कॉरपोरेट अफेयर मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) अपील कर सकता है.
साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को दोबारा टाटा संस (Tata Sons) का वाइस चेयरमैन नियुक्त किए जाने के आदेश के खिलाफ कॉरपोरेट अफेयर मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) अपील कर सकता है. इस मामले में टाटा संस ने भी कहा है कि वह राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय प्राधिकरण (NCLAT) के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करेगी.
NCLAT ने बनाया मिस्त्री को वाइस चेयरमैन
आपको बता दें कि NCLAT ने बुधवार को साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस का वाइस चेयरमैन बनाने का आदेश दिया. Tata Sons ने कहा कि NCLAT ने कैसे उसके और उसकी लिस्टेड कंपनियों के शेयरधारकों के फैसले को पलट दिया. बयान में कहा गया, टाटा संस का मानना है कि वह इस मामले में मजबूत स्थिति में है और आगे उचित कानूनी कदम उठाएगी.
'illegal' शब्द पर आपत्ति
'जी बिजनेस' को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कॉरपोरेट मंत्रालय NCLAT के आदेश को चुनौती देगा, जिसमें 'illegal' शब्द का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि NCLAT ने टाटा संस को पब्लिक से बदलकर प्राइवेट कंपनी बनाने की कार्रवाई को रद्द करते हुए इसे ‘गैरकानूनी’ बताया है. आदेश में कहा गया है कि रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज के कंपनी को प्राइवेट कंपनी बनने की अनुमति देने का आदेश कंपनी कानून, 2013 के प्रावधानों के खिलाफ है.
पब्लिक कंपनी बनाने का आदेश
NCLAT ने कहा कि टाटा सन्स को पब्लिक कंपनी के रूप में लिस्ट किया जाए. RoC रिकॉर्ड में सुधार करेगा और कंपनी को पब्लिक कंपनी के रूप में दर्ज उल्लिखित करेगा. मिस्त्री की बर्खास्तगी के कुछ महीनों बाद टाटा संट को सितंबर, 2017 में खुद को पब्लिक लि. कंपनी से प्राइवेट लि. कंपनी में बदलने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिली थी.
इससे कंपनी को महत्वपूर्ण फैसलों के लिए शेयरधारकों की मंजूरी की जरूरत नहीं रह गई थी. ऐसे फैसले सिर्फ निदेशक मंडल की मंजूरी से लिए जा सकते थे.
कंपनी कानून का उल्लंघन
कंपनी के वकील ने दलील दी थी कि टाटा संस सितंबर 2013 के केंद्र सरकार के सर्कुलर के आधार पर प्राइवेट कंपनी हुई है. लेकिन ट्रिब्यूनल ने कहा कि इस सर्कुलर के करण ही कंपनी कानून, 2013 की धारा 14 के ठोस प्रावधान प्रभावी नहीं रह जाते.
मिस्त्री को 24 अक्टूबर, 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था. वह कंपनी के वैश्विक मुख्यालय बांबे हाउस में 4 साल से दो महीने कम तक इस पद पर रहे.