टाटा समूह की एक प्रमुख कंपनी कोलकाता को अपना मुख्यालय बनाने जा रही है. टाटा समूह 2008 में सिंगूर की घटना के बाद पहली बार पश्चिम बंगाल में कोई बड़ी पहल कर रहा है. समाचार पत्र टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा स्टील की सहायक कंपनी टाटा स्पंज ऑयरन लिमिटेड ने अपने पंजीकृत कार्यालय को उड़ीसा से बंगाल लाने का फैसला किया है. इस फैसले को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि टाटा समूह को सिंगूर में बुरे अनुभव के बाद अपने नैनो प्रोजेक्ट को यहां से शिफ्ट करना पड़ा था. 

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टाटा समूह का कुल राजस्व 31 मार्च 2018 को 110 अरब अमेरिकी डॉलर था. सिंगूर की घटना के बावजूद टाटा समूह ने हमेशा ऑन रिकॉर्ड ये कहा कि अगर कोई बढ़िया प्रस्ताव आया तो समूह बंगाल में निवेश करने से हिचकेगा नहीं. हालांकि पिछले एक दशक के दौरान टाटा ने बंगाल में अपने कारोबार का कोई महत्वपूर्ण विस्तार नहीं किया. ताजा फैसले को समूह के रुख में आए बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.

टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने पिछले साल जुलाई में कहा था, 'टाटा समूह बंगाल को लेकर प्रतिबद्ध है. हम बस सही अवसर का इंतजार कर रहे हैं. यहां हमारे टीसीएस का बहुत बड़ा कैंपस है, जहां 20000 लोग काम करते हैं, और स्टारबक्स और टीजीबीएल जैसी कंपनियां मौजूद हैं... हमें सही अवसर का इंतजार है. और जब वह आएगा, हम निश्चित रूप से बंगाल में निवेश करेंगे.'

हालांकि इसके बावजूद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हर साल आयोजित किए जाने वाले बंगाल बिजनेस समिति में आज तक किसी भी टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने शिरकत नहीं की है. इस आयोजन में मुकेश अंबानी, आदि गोजरेज और सज्जन जिंदल जैसे दिग्गज उद्योगपति आते रहे हैं. 

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इसलिए टाटा स्पंज को बंगाल में शिफ्ट करने का फैसला महत्वपूर्ण हो जाता है. टाटा स्पंज तेजी से विस्तार कर रही है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'कंपनी सिर्फ उड़ीसा या सिर्फ स्पंज आयरन के मुकाबले बड़ी खिलाड़ी बनकर उभर रही है.' इसे देखते हुए ही मुख्यालय को कोलकाता शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. अब टाटा स्पंज की लीडरशिप टीम कोलकाता में ही बैठेगी.