रतन टाटा और टाटा समूह को बड़ी राहत मिली है. टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद पर NCLAT के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सायरस मिस्त्री को चेयरमैन नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगाई गई है. साइरस मिस्त्री को नोटिस भी जारी किया गया है. NCLAT ने सायरस मिस्त्री की नियुक्ति का आदेश दिया था. रतन टाटा ने नेशनल कंपनीज लॉ एपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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NCLAT के साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन के तौर पर बहाल करने के आदेश को चुनौती देने वाली टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद रोक लगा दी.

दरअसल, टाटा संस, रतन टाटा और टाटा कंसल्टेंसी लिमिटेड (TCS) ने NCLAT के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली न्यायाधिकरण (NCLAT) ने 18 दिसंबर को दिए अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर फिर से बहाल किए जाने का आदेश दिया था.

क्या थी रतन टाटा की दलील

रतन टाटा ने आरोप लगाया कि टाटा संस के चेयरमैन बनने के बाद भी हितों के टकराव की वजह से मिस्त्री अपने को परिवार के व्यवसाय से अलग नहीं करना चाहते थे. रतन टाटा की याचिका में कहा गया, "विभिन्न मोर्चे पर साइरस मिस्त्री, टाटा संस के चेयरमैन होने के बाद भी अपने पारिवारिक व्यवसाय से अलग होने को लेकर अनिच्छुक दिख रहे थे, जो उनके टाटा संस के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति की एक पूर्व शर्त थी.

क्या है पूरा मामला यहां समझिए

क्या था मामला

बता दें कि साइरस मिस्त्री टाटा संस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के चेयरमैन और निदेशक थे. 24 अक्टूबर, 2016 को मिस्‍त्री को समूह के चेयरमैन पद से हटाया गया था. बाद में RTI में खुलासा हुआ था कि उनकी बर्खास्‍तगी कंपनी कानून का उल्‍लंघन था. RTI के जवाब में रजिस्‍ट्रार ऑफ कम्‍पनीज (RoC) मुंबई ने बताया था कि यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुरूप नहीं था. यह टाटा का खुद के कंपनी नियमों के प्रावधानों का भी उल्लंघन था.

इस खुलासे के बाद मिस्‍त्री राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) चले गए. लेकिन NCLT ने मिस्त्री की बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. मिस्त्री को 24 अक्टूबर, 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था. वह कंपनी के वैश्विक मुख्यालय बांबे हाउस में 4 साल से दो महीने कम तक इस पद पर रहे.

मिस्त्री का परिवार टाटा संस में सबसे बड़ा गैर टाटा परिवार का शेयरधारक है. कंपनी में उनके परिवार की हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत है