टाटा डिजिटल लिमिटेड (Tata Digital) ने ऑनलाइन ग्रॉसरी प्‍लेटफॉर्म बिग बास्केट (Bigbasket) में  मैज्‍योरिटी स्‍टेक खरीद लिया है. इस तरह बिग बॉस्‍केट का कंट्रोल अब टाटा डिजिटल के पास हो गया है. टाटा डिजिटल, टाटा समूह की कंपनी है. टाटा डिजिटल और बिग बास्‍केट की डील पूरी होने के बाद भारत के ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में एक नई जंग दिखाई देगी. टाटा ग्रुप का मुकाबला सीधे अमेजन से होगा, जोकि देशभर में अपने ऑनलाइन ग्रॉसरी बिजनेस का तेजी से विस्‍तार कर रही है. इसके अलावा, मुकेश अंबानी की रिलांयस रिटेल और सॉफ्ट बैंक फंडेड ग्रॉफर्स से भी सीधी टक्‍कर देखने को मिलेगी. 

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टाटा डिजिटल के सीईओ प्रतीक पाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘भारत में व्यक्तिगत उपभोग खर्च में सबसे बड़ा खर्च किराना के सामान का है.  बिग बास्केट भारत की सबसे बड़ी ई-ग्रॉसरी कंपनी है. इसके चलते यह एक व्‍यापक डिजिटल इकोसिस्‍टम डेवलप करने की रणनीति में पूरी तरह सही बैठती है.'' हालांकि, इस सौदे की वैल्‍यू नहीं बताई गई है. बिग बास्केट के सीईओ हरि मेनन ने कहा कहना है कि टाटा समूह का हिस्सा बनने के बाद हम अपने भविष्य को लेकर काफी उत्साहित हैं. टाटा समूह के साथ जुड़कर हम उपभोक्ता के साथ और बेहतर ढंग से जुड़ सकेंगे और अपनी आगे की यात्रा पर बढ़ सकेगे. इस डील की भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अप्रैल में मंजूरी दे दी थी. 

तेजी से बढ़ रहा ई-ग्रॉसरी मार्केट 

देश के कंज्‍यूमर ई-कॉमर्स बिजनेस में ई-ग्रॉसरी सबसे तेजी से बढ़ रहा है. भारत में बढ़ता उपभोक्‍ता खर्च और डिजिटलीकरण से इस क्षेत्र के विस्तार को मदद मिल रही है. कोरोना महामारी के इस दौर में ऑनलाइन खरीद बढ़ी है. कंज्‍यूमर आज अच्छी गुणवत्ता का सामान आर्डर देकर चाहता है कि यह सुरक्षित तरीके से उसके घर पर पहुंच जाए. बिग बास्केट की स्थापना 2011 में बेंगलूरू में हुई थी. देश के 25 शहरों में कंपनी सर्विस दे रही है. 

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