Tata digital Big Basket deal: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने टाटा और बिग बास्केट (Big Basket) डील को मंजूरी दे दी है. टाटा डिजिटल (Tata Digital) ने सीसीई से  से सुपरमार्केट ग्रॉसरी सप्लाई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बिग बास्केट में 64.3 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मांगी थी. टाटा डिजिटल लिमिटेड का पूरी तरह मालिकाना हक टाटा संस (Tata Sons) के पास है. इस फैसले से आने वाले दिनों में भारत में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन ग्रॉसरी सेगमेंट में एक नई जंग छिड़ने की उम्‍मीद है. बिग बास्‍केट का अपने सेगमेंट ग्रॉफर्स (Grofers) से सीधी मुकबला है. वहीं, इस सेगमेंट में अमेजन और जियो मार्ट जैसे प्‍लेयर भी हैं. 

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रॉयटर्स के मुताबिक, टाटा डिजिटल अलीबाबा के निवेश वाली बिग बास्केट में मेज्‍योरिटी स्‍टेक खरीद रहा है. इस तरह यह सौदा पूरा हो जाता है तो चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के इस कंपनी से बाहर निकल जाएगी. इसके अलावा, टाटा डिजिटल अबराज ग्रुप और आईएफसी जैसे निवेशकों से भी हिस्‍सेदारी खरीद सकता है. बता दें, बिग बास्‍केट की स्‍थापना 2011 में हुई थी और अभी देश के 25 शहरों में कारोबार कर रही है. 

टाटा डिजिटल का इनसे होगा मुकाबला 

टाटा डिजिटल और बिग बास्‍केट की डील पूरी होने के बाद भारत के ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में एक नई जंग देखने को मिलेगी. टाटा ग्रुप का मुकाबला सीधे अमेजन से होगा, जोकि देशभर में अपने ऑनलाइन ग्रॉसरी बिजनेस का तेजी से विस्‍तार कर रही है. इसके अलावा, मुकेश अंबानी की रिलांयस रिटेल और सॉफ्ट बैंक फंडेड ग्रॉफर्स से भी सीधी टक्‍कर देखने को मिलेगी. 

इस डील के तहत टाटा डिलिटल सुपरमार्केट ग्रॉसरी सप्‍लाइज प्राइवेट (SGS) के कुल शेयर का 64.3 फीसदी हिस्‍सा खरीदेगी. एसजीएस पर नियंतत्रण के साथ टाटा डिजिलट पर बिग बास्‍केट के बिजनेस टू कंज्‍यूमर सेंगमेंट पर नियंत्रण हासिल हो जाएगा. टाटा ने बिग मार्केट बिग बास्केट में हिस्सेदारी खरीदने का फैसला प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर परचेज के जरिए करने का फैसला किया है. 

 

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