दिवालिया हो चुकी कंपनी एस्सार स्टील (Essar Steel) के रेजोल्यूशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के फैसले को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) के फैसले में NCLAT दखल नहीं दे सकता. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि CoC फैसले में सभी के हितों का ध्यान रखें.

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल को भी बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आर्सेलर मित्तल की एस्सार स्टील को खरीदने की बोली को भी मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत रेजोल्यूशन के लिए 330 दिन की समयसीमा से भी छूट दे दी. आर्सेलर मित्तल साल 2017 से एस्सार स्टील को खरीदने की कोशिश कर रही थी.

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने 5 जुलाई को आदेश दिया था कि एस्सार स्टील के ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के बराबर मानते हुए भुगतान किया जाए. एस्सार स्टील की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 

बैंकिंग सेक्टर होगा फायदा

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बैंकिंग सेक्टर को बहुत बड़ा फायदा मिलने जा रहा है. मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का मानना है कि यह फैसला बैंकिंग, मार्केट और देश के टैक्सपेयर्स के लिए बहुत पॉजिटिव है. फैसले के बाद से ही सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी दिखाई दे रही है. कॉर्पोरेशन बैंक का शेयर 11 फीसदी, सेंट्रल बैंक का शेयर 10 फीसदी, SBI का शेयर 5 फीसदी, PNB का शेयर 3 फीसदी की तेजी आई है.

अजया बग्गा का कहना है कि फैसले का सबसे ज्यादा फायदा बैकों को मिलेगा. फैसले के बाद SBI को 10,239 करोड़ रुपए मिलेंगे. वहीं, IDBI Bank को 4712 करोड़ रुपए मिलेंगे. वहीं Canara Bank को 3639 करोड़ रुपए, PNB को 2860 करोड़ रुपए और प्राइवेट सेक्टर बैंक ICICI BANK को 2347 करोड़ रुपए मिल सकते हैं.

क्या है पूरा मामला.. यहां समझिए

आर्सेलर मित्तल का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़ रुपए की बोली को भी मंजूरी दे दी. दिवालिया प्रक्रिया के तहत एस्सार स्टील को खरीदने के लिए आर्सेलर मित्तल की बोली मंजूर हुई थी, लेकिन अलग-अलग आपत्तियों की वजह से अधिग्रहण अटका हुआ था.