Ranbaxy के पूर्व प्रवर्तकों से SC नाराज, 11 अप्रैल को अवमानना याचिका पर सुनवाई
Ranbaxy: पीठ ने कहा, ‘‘हम अदालत के आदेश के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करेंगे. यदि हमने पाया कि इसमें कुछ उल्लंघन हुआ है तो हम उन्हें जेल भेज देंगे.’’
दाइची सैंक्यो को 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने से जुड़ा है मामला. (रॉयटर्स)
दाइची सैंक्यो को 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने से जुड़ा है मामला. (रॉयटर्स)
उच्चतम न्यायालय ने सिंगापुर न्यायाधिकरण के आदेश के अनुरूप दाइची सैंक्यो को 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के संबंध में रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह द्वारा कोई ठोस योजना पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है. न्यायालय ने कहा कि यदि यह पाया गया कि उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना की है तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह जापान की कंपनी द्वारा सिंह बंधुओं के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की 11 अप्रैल को सुनवाई करेगी. पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं.
पीठ ने कहा, ‘‘हम अदालत के आदेश के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करेंगे. यदि हमने पाया कि इसमें कुछ उल्लंघन हुआ है तो हम उन्हें जेल भेज देंगे.’’ पीठ ने सिंह बंधुओं को सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित रहने को कहा है. सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण ने सिंह बंधुओं को दाइची सैंक्यो को चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला सुनाया था. इस संबंध में उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को दोनों से कहा था कि वे भुगतान के संबंध में ठोस योजना पेश करें.
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पीठ ने कहा, ‘‘हो सकता है कि आप आधी दुनिया के मालिक हों पर आपके पास इस बारे में कोई ठोस योजना नहीं है कि आप पंचाट के फैसले की राशि कहां से जुटाएंगे. आपने कहा कि किसी के पास आपके छह हजार करोड़ रुपये बकाया हैं. लेकिन यह राशि न यहां है न वहां है.’’ दाइची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था. बाद में दाइची ने सिंगापुर पंचाट में शिकायत की थी कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के खिलाफ अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग की चल रही जांच की बात छुपाई थी.
09:07 PM IST