इस बार चीनी मिलों (Sugar Mills) का गन्ना पेराई सीजन (sugarcane crushing season) देरी से शुरू हुआ है. आमतौर पर पेराई सत्र 1 अक्टूबर से शुरू होता है, लेकिन इस बार यह 1 नवंबर से शुरू हुआ है. यानी पेराई सीजन (sugarcane crushing season) में पूरा एक महीने की देरी हुई है. पेराई सीजन में देरी और महाराष्ट्र (Maharashtra), कर्नाटक (Karnataka) में बारिश के चलते गन्ने की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए इस बार चीनी के उत्पादन (Sugar Production) में भारी गिरावट आने का अनुमान जारी किया गया है. 

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इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चीनी मिलों के 2019-20 सीजन में चीनी उत्पादन (Sugar) पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी तक गिरने का अनुमान जारी किया है. इस साल देश में 2.68 करोड़ टन चीनी का उत्पादन (Sugar Production) होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल में 3.31 करोड़ लाख टन का उत्पादन हुआ था. ISMA ने कहा है कि 2019-20 सीजन के दौरान इथेनॉल (Ethanol) का उत्पादन बढ़ने के कारण चीनी का उत्पादन लगभग 2.68 करोड़ टन होगा. इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले इस साल चीनी के उत्पादन (Sugar Production) में करीब 70 लाख टन की कमी आ सकती है.

बारिश से गन्ने को नुकसान

इस साल देर तक बारिश हुई है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे में बाढ़ से लाखों हेक्टेयर गन्ने की फसल (Sugarcane) चौपट हो गई, जबकि कुछ इलाकों गन्ने की उपज और रिकवरी कम हुई है.

 

कर्नाटक (Karnataka) के बेलगाम और बीजापुर जिलों समेत उत्तरी कर्नाटक में भी बड़े पैमाने पर बारिश के चलते गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है.

 

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चीनी की कीमतों पर कोई असर नहीं

चीनी कारोबारी मानते हैं कि इस साल चीनी (Sugar Export) का एक्सपोर्ट बढ़ेगा, लेकिन घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों (Sugar Price) पर कोई असर नहीं पड़ेगा. देश में सालाना चीनी की खपत 2.60 करोड़ टन है, जबकि उत्पादन भी करीब इतना ही 2.68 करोड़ टन का रहेगा. चीनी का बकाया स्टॉक 1.20 करोड़ टन का है. इस तरह खपत के मुकाबले चीनी की सप्लाई 3.80 करोड़ टन के आसपास रहेगी. इसलिए चीनी के दामों पर कम उत्पादन और एक्सपोर्ट का कोई असर नहीं पड़ेगा.