ज्यादातर युवाओं का सपना होता है कि पढ़-लिख कर अच्छे पैकेज की नौकरी कर आराम से जीवन गुजारा जाए और उसमें अगर विदेश में जाकर बसने का मौका मिल जाए तो यह सोने पर सुहागा जैसा साबित होगा. लेकिन ऐसे भी नौजवान हैं जो विदेश में लग्जरी जीवनशैली और बड़े पैकेज की नौकरी छोड़ न केवल स्वदेश का रुख कर रहे हैं, बल्कि गांव के कठीन जीवन में कामयाबी की इबारत लिख रहे हैं.

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एक ऐसा ही नौजवान जोड़ा है रामदे खुटी और भारती खुटी का. रामदे और भारती काफी समय से लंदन में रह रहे थे. यहां दोनों पति-पत्नी नौकरी करके शानो-शौकत भरा जीवन जी रहे थे, लेकिन अब यह युवा कपल लंदन छोड़कर गुजरात के पोरबंदर स्थित अपने गांव वापस आ गया है. और यहां गांव में रहकर दोनों पति-पत्नी खेती तथा पशुपालन कर रहे हैं. 

पोरबंदर जिले के बेरण गांव के रामदेव खुटी वर्ष 2006 में काम करने के लिए इंग्लैंड गए थे. वहां दो साल काम करने के बाद भारत वापस आए और यहां भारती से शादी कर ली. शादी के समय भारती राजकोट में एयरपोर्ट प्रबंधन और एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी.

भारती अपनी पढ़ाई पूरी करने अपने पति के पास 2010 में लंदन चली गई. लंदन में भारती ने इंटरनेशनल टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की इसके बाद भारती ने ब्रिटिश एयरवेज के हीथ्रो एयरपोर्ट से हेल्थ एंड सेफ्टी कोर्स भी पूरा किया और वहीं नौकरी भी करने लगी.

दोनों पति-पत्नी लंदन में शानदार जीवनशैली व्यतीत करने लगे. इस दौरान उनके एक बेटा भी हो गया. लेकिन रामदे खुटी यहां गुजरात में रह रहे अपने माता-पिता को लेकर चिंतित थे. क्योंकि उनकी देखभाल के लिए यहां कोई नहीं था. इसके अलावा उनकी खेतीबाड़ी भी दूसरे लोग ही कर रहे थे. 

रामदे खुटी ने भारत अपने माता-पिता के पास लौटने का फैसला किया और खेतीबाड़ी से ही कुछ नया करने की सोची. रामदे की इस फैसले में उनकी पत्नी भारती ने भी पूरा समर्थन दिया. इस तरह एक दिन रामदे लंदन की लग्जरी लाइफ छोड़कर अपने परिवार के साथ वापस गुजरात आ गए और नए सिरे से खेती करने लगे. यहां आकर उन्होंने खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी ध्यान दिया.

हालांकि भारती को शुरू में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि इससे पहले उसने कभी खेतीबाड़ी नहीं की. लेकिन लगातार मेहनत के दम पर अब भारती खेती के साथ पशुपालन के ज्यादातर काम खुद ही संभालती है. 

रामदे ने बताया कि वह खेती के परंपरागत तरीकों को छो़ड़कर आधुनिक तरीकों को अपना रहे हैं और जैविक खेती कर रहे हैं. नियमित आमदनी के लिए उन्होंने गाय-भैंस का पालन शुरू कर दिया है, जिनकी जिम्मेदारी भारती उठा रही हैं. इस तरह वह गांव में ही एक अच्छा जीवन जी रहे हैं और सबसे बड़ी खुशी की बात ये है कि वह अपने परिवार के बीच हैं.

रामदे बताते हैं कि यहां आकर उन्होंने सीखा कि गांव में रहकर भी एक आदमी शानदार जीवनशैली जी सकता है. और इस काम में वह सोशल मीडिया का बखुबी इस्तेमाल कर रहे हैं. रामदे और भारती ने एक साल पहले अपना एक यूट्यूब चैनल "लीव विलेज लाईफ वीद ओम एंड फैमिली" शुरू किया था.

इस चैनल के माध्यम से वह खेती की आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने के गुर सीखा रहे हैं. खास बात ये है कि इस यूट्यूब चैनल का पहुंच लगातार बढ़ रही है. 

(पोरबंदर से अजय शीलू की रिपोर्ट)