Steel prices: कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते स्टील की कीमत (Steel price) 1 जुलाई से फिर बढ़ सकती है. हालांकि, इससे पहले स्टील की कीमतें कुछ नीचे आई हैं.  जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर वी आर शर्मा ने यहां इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ आयोजित एक कार्यक्रम के इतर यह बात कही. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि जहां कोयले की कीमत 17,000 रुपये प्रति टन है, वहीं ओडिशा खनिज निगम के लौह अयस्क की कीमतें (Steel prices) अब भी ऊंची हैं. यह ओडिशा में लौह अयस्क का मुख्य सप्लायर है.

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सरिये की कीमत

खबर के मुताबिक, शर्मा ने कहा कि स्टील की कीमतें पहले ही नीचे आ चुकी हैं उन्हें और कम करने की कोई संभावना नहीं है. मुख्य रूप से ज्यादा लागत के चलते शुक्रवार यानी 1 जुलाई से स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी. शर्मा ने कहा कि सेकेंड क्लास के स्टील(Steel prices) मैनुफैक्चरर ने पिछले चार दिन में पहले ही सरिये की कीमत 2,000 रुपये बढ़ाकर 55,000 रुपये प्रति टन कर दी है. उन्होंने कहा कि स्टील मैनुफैक्चरर पर दबाव के कई और कारण हैं और इसमें कोयले की उपलब्धता का भी मुद्दा हैं. कोयले की सप्लाई के लिए रैक भी उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि उनमें से ज्यादातर का बिजली क्षेत्र के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

यहां होगा असर

स्टील (Steel prices) का इस्तेमाल निर्माण, वाहन, उपभोक्ता सामान आदि क्षेत्रों में होता है. ऐसे में दाम बढ़ने पर इन क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है. एचआरसी और सीआरसी दोनों स्टील की चादरें हैं. इनका इस्तेमाल वाहन, डिवाइस और निर्माण क्षेत्रों में होता है. स्टील (Steel price) की बढ़ती कीमतों और ईंधन के ऊंचे दामों के चलते आने वाली तिमाहियों में खरीदारी संबंधी गतिविधियां प्रभावित होगी और मांग निगेटिव रह सकती है.

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सबसे बड़ी  स्टील कंपनी ने किया शानदार प्रदर्शन

देश में स्टील की सबसे बड़ी कंपनी टाटा स्टील का नेट प्रॉफिट मार्च, 2022 को खत्म हुई तिमाही में 37 प्रतिशत बढ़कर 9,835.12 करोड़ रुपये हो गया था. मुख्य रूप से इनकम बढ़ने से कंपनी का प्रॉफिट बढ़ा था. एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में उसका नेट प्रॉफिट 7,161.91 करोड़ रुपये रहा था.