Steel, Fuel की बढ़ी हुई कीमतों से इस्पात की मांग होगी प्रभावित, ‘स्टीलमिंट इंडिया’ ने जताया अनुमान
स्टीलमिंट ने कहा कि, ‘‘इस्पात की बढ़ती कीमतों और ईंधन के ऊंचे दामों के कारण आने वाली तिमाहियों में खरीदारी संबंधी गतिविधियां प्रभावित होगी और मांग नकारात्मक रह सकती है.’’ उसने कहा कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच घरेलू स्तर पर इस्पात की खपत 9.8 करोड़ टन रह सकती है.
आनेवाले समय में इस्पात की मांग प्रभावित हो सकती है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
आनेवाले समय में इस्पात की मांग प्रभावित हो सकती है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
Industry consultancy SteelMint India: इस्पात उद्योग की परामर्शदाता कंपनी ‘स्टीलमिंट इंडिया’ के मुताबिक, फ्यूल की लगातार बढ़ती कीमतें और स्टील के बहुत ऊंचे दामों के कारण घरेलू स्तर पर इस्पात की मांग आने वाली तिमाहियों में प्रभावित होगी. स्टीलमिंट इंडिया ने गुरुवार को कहा कि भारत में इस्पात के दाम ऑल टाइम हाई लेवल पर हैं.
बढ़ती कीमतों से डिमांड पर असर
हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) की कीमत 76,000-77,000 रुपये प्रति टन, कोल्ड रोल्ड कॉयल (सीआरसी) 85,000-86,000 रुपये प्रति टन और इस्पात की छड़ों (रेबार) के दाम 72,000-73,000 रुपये प्रति टन हैं. मार्च के पहले हफ्ते एचआरसी के दाम 68,000-69,000 रुपये प्रति टन, सीआरसी 73,000-74,000 रुपये प्रति टन और रेबार की 67,500-68,500 रुपये प्रति टन थे.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
TRENDING NOW
Jharkhand Election Results Live Updates: झारखंड चुनाव के आने लगे रुझान, इंडी गठबंधन को पीछे करते हुए भाजपा आगे
मल्टीबैगर Railway PSU के लिए खुशखबरी! बाजार बंद होने के बाद मिला ₹837 करोड़ का ऑर्डर, स्टॉक पर रखें नजर
Maharashtra Winners List: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कौन जीता, कौन हारा- देखें सभी सीटों का पूरा हाल
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
15 राज्य, 46 उपचुनाव: असम से उत्तर प्रदेश तक... किस सीट से कौन जीता, एक क्लिक में जानें उपचुनावों के पूरे नतीजे
निगेटिव रह सकती है मांग
स्टीलमिंट ने कहा कि, ‘‘इस्पात की बढ़ती कीमतों और ईंधन के ऊंचे दामों के कारण आने वाली तिमाहियों में खरीदारी संबंधी गतिविधियां प्रभावित होगी और मांग नकारात्मक रह सकती है.’’ उसने कहा कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच घरेलू स्तर पर इस्पात की खपत 9.8 करोड़ टन रह सकती है.
01:42 PM IST