ऊंची लागत और आपूर्ति व्यवस्था से जुड़े मसले के कारण जनवरी-मार्च अवधि में वैश्विक स्तर पर सौर क्षेत्र में कंपनियों का वित्तपोषण 4 प्रतिशत घटकर 8.1 अरब डॉलर रह गया. अमेरिकी शोध कंपनी मेरकॉम कैपिटल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि सौर क्षेत्र में पिछले साल की समान तिमाही में 8.4 अरब डॉलर का निवेश आया था. हालांकि, अक्टूबर-दिसंबर, 2023 में आए 5.5 अरब डॉलर के निवेश की तुलना में मार्च तिमाही में वित्तपोषण 47 प्रतिशत अधिक रहा. 

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मेरकॉम कैपिटल ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज प्रभु ने कहा, "सौर क्षेत्र अत्यधिक अनिश्चितता और एक चुनौतीपूर्ण निवेश माहौल का सामना कर रहा है. यह क्षेत्र कई बाधाओं से जूझ रहा है, जिसमें लंबे समय तक ऊंची ब्याज दरों की आशंका, मुद्रास्फीति के कारण निर्माण एवं श्रम की लागत बढ़ने और व्यापार विवादों एवं सीमा शुल्क के साथ आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे भी शामिल हैं."

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इकोफी ने 1.08 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल किया, इनसोलार ने 80 लाख डॉलर जुटाए और मेटाफिन ने उद्यम पूंजी (वीसी) वित्तपोषण से 50 लाख डॉलर की इक्विटी वित्त जुटाया. 

घरेलू ऋण वित्तपोषण खंड में रिन्यू ने 28.83 करोड़ डॉलर मूल्य के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर का पुनर्वित्तपोषण किया. एम्पइन एनर्जी ट्रांजिशन ने कुल 2.69 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया जबकि हस्क पावर सिस्टम्स को दो करोड़ डॉलर मिले. इसके अलावा, भारत में सार्वजनिक बाजार वित्तपोषण, परियोजना वित्तपोषण और विलय और अधिग्रहण क्षेत्रों में कई अन्य लेनदेन किए गए.