देश के हजारों व्‍यापारियों ने बुधवार को दिल्‍ली में बड़ी रैली निकाली. यह रैली एफडीआई और ई-कॉमर्स कंपनियों के बेतहाशा डिस्‍काउंट से चौपट हो रहे रिटेल कारोबार के खिलाफ निकाली गई. कन्‍फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की इस रैली में व्‍यापारियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि रिटेल व्यापार में एफडीआई को शामिल न किया जाए. वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक नीति बनाई जाए और दिल्‍ली में सीलिंग को रोकने के लिए संसद के चालू सत्र में एक बिल लाया जाए. रैली की अध्यक्षता कैट में राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने की. 

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रैली में कैट की राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की सरकार तुरंत व्यापारियों के इन मुद्दों पर ध्यान दे. उन्‍होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां और रिटेल में एफडीआई एक नासूर की तरह देश के रिटेल व्यापार को खा रहा है, जिससे निश्चित रूप से आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था खोखली हो जाएगी. उन्होंने कहा की कैट देश के 7 करोड़ व्यापारियों की ताकत के साथ मिलकर इस मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाएगा. इसकी रणनीति तय करने के लिए 12 -13 जनवरी को भोपाल में कैट की राष्ट्रीय गवर्निंग कॉउन्सिल होगी. खंडेलवाल ने व्यापारियों का एक 16 सूत्रीय राष्ट्रीय चार्टर भी जारी किया.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरतिया ने कहा की देश में बेलगाम ई-कॉमर्स कंपनियों और रिटेल व्यापार में एफडीआई के आने से दिल्ली सहित देश भर में व्यापारियों के कारोबार का बुरा हाल है. विदेशी कंपनियां हर हथकंडा अपना कर देश के रिटेल बाज़ार पर अपना कब्‍जा जमाने की नीयत से काम कर रही हैं और गैर जरूरी तरीके अपना रही हैं. देश के कुछ बड़े कॉरपोरेट घराने अपने स्वार्थ के लालच में इन विदेशी कंपनियों का सहयोग कर रहे हैं. 

कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ने बताया की इस मुद्दे पर गत 15 सितम्बर को दिल्ली के लालकिले से कैट ने एक सम्पूर्ण रिटेल क्रान्ति रथ यात्रा शुरू की थी, जो देश के लगभग 26 राज्यों के 400 शहरों से होकर आज दिल्ली पहुंची है. इस रथ ने देशभर में 93 दिनों में लगभग 23 हजार किलोमीटर की यात्रा तय की है.