सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक ने एनसीएलएटी के आदेश के बाद एस्सार स्टील के ऋण को परिसंपत्ति पुर्नगठन कंपनियों (एआरसी) को बेचने की प्रकिया को वापस ले लिया है. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एस्सार स्टील के कर्जदाताओं को न्यूमेटल और वेदांता की दूसरी दौर की बोली पर विचार करने को कहा है. एनसीएलएटी ने न्यूमेटल की बोली को वैध ठहराया है.

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हालांकि, न्यायाधिकरण ने प्रतिद्वंद्वी बोलीदाता आर्सेलर मित्तल से कहा है कि अधिग्रहण पात्रता के लिये उसे उससे जुड़ी कंपनियों का 7,000 करोड़ रुपये का बकाया तीन दिन के भीतर चुकाना होगा. सूत्रों के मुताबिक, एसबीआई एस्सार स्टील के ऊपर अपने ऋण को संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को बेचने की तैयारी में था.

बैंक ने बयान में कहा, "एनसीएलएटी के आज के आदेश को देखते हुये हम एस्सार स्टील इंडिया के कर्ज को बेचने की प्रक्रिया को वापल ले लिया है और एनसीएलएटी के आदेश के मुताबिक आगे बढ़ेंगे." एस्सार स्टील पर 30 से अधिक बैंकों और कर्जदाताओं का 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है.