देश के सबसे बड़े सरकार बैंक SBI (स्‍टेट बैंक) ने 2019-20 की पहली तिमाही के नतीजे पेश कर दिए हैं. बैंक को Q1 में 4,875 करोड़ रुपए घाटे के मुकाबले 2,310 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है. बैंक का प्रोविजनिंग 19,228 करोड़ से घटकर 9180 करोड़ रुपए पर आ गया है. वहीं NII 21,798 करोड़ से बढ़कर 22,939 करोड़ रुपए हो गया है. हालांकि पहले क्‍वार्टर में नेट NPA 3.01% से बढ़कर 3.07% हो गया है

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घाटे से मुनाफे में आया बैंक

आपको बता दें कि SBI को बीते कारोबारी साल 2018-19 के मार्च क्‍वार्टर में उम्‍मीद से कम मुनाफा हुआ था. इसका बड़ा कारण NPA यानि फंसे हुए कर्ज की रकम थी. हालांकि, बैंक पिछली तिमाही के मुकाबले घाटे से मुनाफे में आ गया था. बैंक के नतीजे आने के बाद शेयर बाजार में उसके शेयर 2.3 फीसदी तक गिर गए थे. बैंक को इस दौरान 838.4 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ जबकि पिछले साल इस क्‍वार्टर में बैंक को 7,718 करोड़ का घाटा हुआ था. 

ब्‍याज से आय 15% बढ़ी

चौथे क्‍वार्टर में SBI की ब्याज से इनकम 14.9 फीसदी बढ़कर 22,954 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी. वहीं 2018 के इस क्‍वार्टर में SBI की ब्याज इनकम 19,974 करोड़ रुपये रही थी.

ग्रॉस NPA भी घटा

Q4 में SBI का ग्रॉस एनपीए 8.71 फीसदी से घटकर 7.53 फीसदी पर आ गया था. एसबीआई का नेट एनपीए 3.95 फीसदी से घटकर 3.01 फीसदी पर आ गया था जो Q1 में फिर बढ़ गया. रुपए में बैंक का ग्रॉस एनपीए 1.88 लाख करोड़ रुपये से घटकर 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा है जबकि नेट एनपीए 80,944 करोड़ रुपये से घटकर 65,895 करोड़ रुपये रहा है.

लोन ग्रोथ 6.7 फीसदी रही

Q4 में SBI का प्रोविजन कवरेज रेश्यो 74.6 फीसदी से बढ़कर 78.73 फीसदी रहा है. बैंक की लोन ग्रोथ 6.7 फीसदी रही है जबकि सालाना Q4 में एसबीआई का लोन ग्रोथ 13 फीसदी रही थी.

जमा पर ब्याज दर घटाई

स्टेट बैंक ने एक अगस्त से सभी मियादी जमा पर ब्याज दर घटा दी है. वहीं इससे पहले एक जुलाई से RTGS और NEFT लेन-देन पर फीस भी खत्‍म कर दी है. बैंक ने कहा है कि एक अगस्त से वह IMPS (इमिडिएट पेमेंट सर्विस) पर भी फीस नहीं लेगा.