लागत बढ़ने और मांग में कमी के कारण 2018 में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु उद्योग एवं अन्य घरेलू वस्तुओं के बाजार में कोई खास उत्साह नहीं रहा लेकिन उद्योग को उम्मीद है कि 2019 में वह बेहतर वृद्धि हासिल करेगा. वहीं रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान बनाने वाली कंपनियां (एफएमसीजी) इस बात को लेकर आशावान हैं कि ग्रामीण मांग में वृद्धि और ऑनलाइन बिक्री के दम पर वे अगले साल भी अपनी वृद्धि जारी रखेंगी.

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कुछ श्रेणियों में बिक्री में कमी देखी गई

कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) के मुताबिक 2018 में टिकाऊ उपभोग एवं घरेलू उपयोग के सामान बनाने वाली कंपनियों के उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा और उनकी वृद्धि में कोई खास अंतर देखने को नहीं मिला. उनकी मुताबिक कुछ श्रेणियों में बिक्री में कमी देखी गई. सीईएएमए के अध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, “इस वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में टिकाऊ उपभोग की वस्तुओं एवं इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में वाशिंग मशीन को छोड़कर वृद्धि में कोई खास अंतर नहीं आया.”उन्होंने कहा कि केवल त्योहारी मौसम में मांग ने गति पकड़ी थी.

जीएसटी के दायरे में बदलाव का असर दिखेगा

पैनासोनिक इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और सीईओ मनीष शर्मा ने कहा, “रूपये के मूल्य में कमी, परिस्थितियों में अनिश्चितता और लागत में वृद्धि से उद्योग में नरमी का रुख रहा. हमारा मानना है कि बाजार में मजबूती आने और टीवी, डिजिटल कैमरों एवं मॉनिटर को निम्न दर वाले जीएसटी के दायरे में लाये जाने जैसे नीतिगत सुधारों से उद्योग को अधिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी.” हाल में 32 इंच तक के टीवी को 28 प्रतिशत की जीएसटी दर से 18 प्रतिशत के स्लैब में लाए जाने से विनिर्माताओं को उम्मीद है कि आने वाले समय में टीवी की बिक्री बढ़ेगी.

सरकार से कर प्रोत्साहन की उम्मीद

नंदी ने भी लगभग यही बात कही, “हम ग्राहकों की धारणा बेहतर होने की उम्मीद कर रहे हैं और ऐसे में मांग बढ़ेगी और बाजार को समान वृद्धि की मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने में मदद मिलेगी. इस वित्त वर्ष की शेष अवधि में कुछ गति हासिल होने की उम्मीद के बावजूद हमें लगता है कि उद्योग की वृद्धि एक अंक में ही रहेगी.” उद्योग को सरकार से कर प्रोत्साहन की उम्मीद है, खासकर वातानुकूलित उपकरणों एवं बिजली के कम उपभोग वाले उपकरणों की श्रेणी में. दूसरी ओर एफएमसीजी बाजार को उम्मीद है कि मजबूत मांग और उभरते ग्रामीण बाजार से उसे फायदा होगा. उद्योग को आशा है कि प्रौद्योगिकी और डिजिटल जगत उसकी वृद्धि में सबसे अधिक सहायक साबित होंगे.