सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील मैन्युफैक्चरिंग सेल (SAIL) ने बड़ा अपडेट दिया है.  SAIL के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कहा है कि स्थापित क्षमता में 1.5 करोड़ टन के विस्तार की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की मौजूदा स्थापित क्षमता लगभग 2 करोड़ टन प्रति वर्ष है. प्रकाश ने सेल की विस्तार योजनाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, इसे शुरू कर दिया गया है. योजना के पहले चरण में हम इसे 3.5 करोड़ टन तक ले जाने वाले हैं. इस तरह विस्तार का पहला चरण 1.5 करोड़ टन का है.

बाजार से भी जुटाएगी फंड

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विस्तार योजना पर खर्च की जाने वाली राशि और इसमें लगने वाले समय के बारे में सेल चेयरमैन ने कहा कि कंपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर सक्रियता से काम कर रही है और फिलहाल कोई भी संख्या बता पाना मुश्किल है. विस्तार योजना के लिए फंडिंग मॉडल के बारे में प्रकाश ने कहा कि सेल इसके लिए अपने फंड का इस्तेमाल करेगी और बाजार से भी फंड जुटाएगी. उन्होंने कहा, फंडिंग आंतरिक संसाधनों और बाजार दोनों का मिश्रण होगा. इस्पात उद्योग एक बड़े पूंजीगत व्यय वाला उद्योग है. हम फंड के लिए बाजार में रहेंगे.

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सेल (SAIL) के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी न केवल अपनी स्थापित इस्पात निर्माण क्षमता का विस्तार करेगी बल्कि नई प्रौद्योगिकियां भी स्थापित करेगी. इसके साथ ही सेल कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे का विकास भी करेगी. इस्पात मंत्रालय के तहत संचालित सेल के पास देश के अलग-अलग स्थानों में पांच एकीकृत और तीन विशेष इस्पात संयंत्र हैं.