सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल (SAIL) का चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2018 में समाप्त तीसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ कई गुणा बढ़कर 616.30 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 43.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. भंडार का स्तर घटने और आय बढ़ने से कंपनी का मुनाफा बढ़ा है. 

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बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 15,910.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 15,443.13 करोड़ रुपये थी. 

समीक्षाधीन तिमाही में सेल का कुल खर्च घटकर 14,937.43 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 15,317.51 करोड़ रुपये था. सेल देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी है. 

तीसरी तिमाही में सेल ने अपना अब तक का सबसे अधिक कच्चे इस्पात का उत्पादन दर्ज किया. तिमाही के दौरान कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन 10 प्रतिशत बढ़कर 43 लाख टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 39 लाख टन था. 

सेल ने तिमाही के दौरान सबसे अधिक बिक्री योग्य इस्पात का उत्पादन भी हासिल किया. तिमाही के दौरान कंपनी का बिक्री योग्य इस्पात का उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से पांच प्रतिशत बढ़कर 38 लाख टन रहा. 

सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजार में इस्पात उपभोग की संभावनाएं काफी अधिक हैं. हम अपना उत्पादन बढ़ाने के साथ सभी क्षेत्रों की मांग पूरा करने पर ध्यान दे रहे हैं. चौधरी ने कहा कि मूल्यवर्धित इस्पात एक अन्य क्षेत्र है जिसपर हम ध्यान देंगे.

इस्पात कीमतों में मौजूदा उतार चढ़ाव पर चौधरी ने कहा कि सस्ते आयात और अन्य वजहों के बावजूद आगामी दिनों में उत्पादन की ऊंची लागत की वजह से कीमतों में सुधार होगा.