कतर और अबू धाबी के सरकारी संपत्ति कोष के साथ प्राइवेट इक्विटी केकेआर ने रिलायंस पावर में निवेश रुचि दिखायी है. रिलायंस पावर के प्रवर्तकों की कंपनी में हिस्सेदारी बेचकर 2,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. निवेश बैंक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि विविध कारोबार से जुड़े अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर ने प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री के लिये जे पी मोर्गन को बैंकर नियुक्त किया है.

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इस बारे में संपर्क किए जाने पर कंपनी ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तकों की कंपनी में अपनी सीधी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 18 से 19 प्रतिशत बेचने की योजना है. इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद उनकी सीधे और परोक्ष रूप से शेयरधारिता 51 प्रतिशत रह जाएगी.

कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, अबू धाबी इन्‍वेस्टमेंट आथोरिटी, ब्लैकस्टोन, टीपीजी और केकेआर बड़ी इकाइयां हैं जिनकी रिलायंस पावर में हिस्सेदारी खरीदने में रूचि है. पिछले सप्ताह रिलायंस समूह ने अपने 90 प्रतिशत से अधिक कर्जदाताओं के साथ एक समझौता किया. इस समझौते के तहत वे सितंबर तक प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखे कोई भी शेयर नहीं बचेंगे. साथ ही समूह तय किस्तों का भुगतान भी करता रहेगा.