Asset Monetisation: सरकारी कंपनी राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) अपने फोर्ज्ड व्हील प्लांट और जमीन के टुकड़ों के मोनेटाइजेशन से 3000 से 4000 करोड़ रुपये जुटा सकती है. कंपनी ने साथ ही कहा कि वह दक्षता उपायों से उत्पादन बढ़ाने और घाटे से उबरने में सक्षम होगी. हालांकि, आरआईएनएल का विनिवेश होना है, इसलिए मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया को डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) आगे बढ़ा रहा है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आरआईएनएल (Vizag Steel Plant) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल भट्ट ने कहा, अगर हम विजाग में रेलवे व्हील प्लांट और भूखंड के मौद्रीकरण से 3000-4000 करोड़ रुपये जुटा सकें, तो इससे हमें लोन में कमी लाने और वर्किंग कैपिटल में मदद मिलेगी. उन्होंने इस्पात सम्मेलन व पुरस्कार समारोह के मौके पर यह बात कही.

ये भी पढ़ें- Dividend Stocks: इस फार्मा कंपनी ने जारी किया 62.50% का दूसरा डिविडेंड, Q2 में 6 गुना बढ़ा मुनाफा, जानिए रिकॉर्ड डेट

आरआईएनएल ने व्हील प्लांट में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था. भट्ट ने कहा, अगर मोनेटाइजेशन चालू वित्त वर्ष तक होता है, तो इससे आरआईएनएल (RINL) को मौजूदा परिचालन दक्षता परियोजनाओं के साथ उत्पादन बढ़ाकर मुनाफे में वापस आने में मदद मिलेगी. आरआईएनएल को 2022-23 में लगभग 3,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

इस वजह से हो रहा नुकसान

इसकी स्थापित क्षमता 73 लाख टन है और इस समय उत्पादन लगभग 55 लाख टन है.  उन्होंने कंपनी को हो रहे नुकसान के लिए वैश्विक मंदी, इस्पात पर एक्सपोर्ट टैक्स और कैप्टिव रॉ मेटेरियल की कमी को जिम्मेदार ठहराया.  भट्ट ने कहा कि खुले बाजार से आयरन ओर खरीदने और लगभग 23,000 करोड़ रुपये के अस्थिर लोन के कारण हमें प्रति टन 6,000 रुपये का नुकसान होता है.  उन्होंने कहा कि मौद्रीकरण योजना से कर्ज कम करने और वर्किंग कैपिटल की स्थिति बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- इंतजार खत्म! इस दिन खुलेगा Tata Technologies का IPO, निवेश से पहले जान लें जरूरी बातें