Reliance Capital news: NCLT की बेंच रिलायंस कैपिटल इसोल्वेंसी केस में अपना अंतिम फैसला सुनाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 दिसंबर को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में रिलायंस कैपिटल के खिलाफ बैंकरप्सी की सुनवाई शुरू करने की एप्लीकेशन फाइल की थी. इससे पहले 29 नवंबर को रिजर्व बैंक ने अलग-अलग भुगतान करने में डिफॉल्ट की वजह से रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था. 30 नवंबर को RBI ने रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को सलाह देने के लिए एक एडवाइजरी कमेटी की नियुक्ति की थी. 

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कमेटी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व DMD संजीव नौटियाल, एक्सिस बैंक के पूर्व DMD श्रीनिवासन वदरंजन और टाटा कैपिटल लिमिटेड के पूर्व MD और CEO प्रवीण पी काडले शामिल हैं. आरबीआई ने NCLT की मुंबई बेंच में ऐप्लीकेशन दायर की है.

कंपनी की तरफ से आया स्टेटमेंट

केंद्रीय बैंक (RBI) ने आगे कहा कि प्रशासक को इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. इस पर रिलायंस कैपिटल ने IBC के मुताबिक, इस कर्ज की मुश्किल को सुलझाने के कदम का स्वागत किया. उसने कहा था कि वह बकाए के जल्द समाधान के लिए RBI की तरफ से नियुक्त प्रशासक के साथ पूरी तरह से सहयोग करेगी. 'रिलायंस कैपिटल फास्ट ट्रैक रिजॉल्यूशन के लिए धारा 227 के तहत RCAP को NCLT में रेफर करने के आवेदन का समर्थन करता है. शेयरधारकों, लेंडर्स, ग्राहकों और कर्मचारियों के हितों के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे.'

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कंपनी ने HDFC और एक्सिस बैंक के साथ किया डिफॉल्ट

कंपनी ने 27 नवंबर 2020 को शेयर बाजार को बताया था कि रिलायंस कैपिटल ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और एक्सिस बैंक (Axis bank) से लिए 624 करोड़ रुपए के लोन पर ब्याज के भुगतान पर डिफॉल्ट किया था. कंपनी ने HDFC में 4.77 करोड़ रुपए का डिफॉल्ट औप एक्सिस बैंक को 0.71 करोड़ रुपए का डिफॉल्ट किया था. रिलायंस कैपिटल ने HDFC से छह महीने से सात साल की अवधि के लिए 10.6 फीसदी से 13 फीसदी की दर पर टर्म लोन लिया था. कंपनी ने एक्सिस बैंक से तीन से सात साल की अवधि के लिए 8.25 फीसदी की दर पर कर्ज लिया था.