Real Estate:भारत में रीयल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर में एक नया ट्रेंड सामने आ रहा है. देश के विभिन्न शहरों में आसमान छूती बहुमंजिला आवासीय परियोजनाओं (high-rise residential projects) की संख्या तेजी से बढ़ रही है. पिछले साल देश में कुल 1,816 आवासीय परियोजनाएं शुरू की गईं जिनमें से आधी से ज्यादा परियोजनाएं 20 मंजिल और इससे ज्यादा ऊंची होंगी. प्रॉपर्टी सेक्टर की सलाहकार कंपनी एनारॉक ने यह जानकारी दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एनारॉक (ANAROCK) के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि भारतीय शहरों में भवन निर्माण क्षेत्र में ऊंची इमारतें बनाने का दबाव बढ़ता जा रहा है. पिछले साल भूतल के ऊपर 20 मंजिल या इससे अधिक ऊंची आवासीय परियोजनाएं बनाने की संख्या तेजी से बढ़ी है. 

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एनारॉक के मुताबिक 2019 में देश के सात शहरों में कुल मिलाकर 1,816 आवासीय परियोजनाएं शुरू की गई. इनमें से 52 प्रतिशत से अधिक परियोजनाएं 20 मंजिल या इससे अधिक की हैं. इस दौरान विला और भूतल पर फैले मकानों का हिस्सा गिरकर दो प्रतिशत रह गया जबकि 2014 में ऐसे मकानों का हिस्सा पांच प्रतिशत था. एनारॉक मूल रूप से एक ब्रोकरेज कंपनी है. यह देश के सात शहरों में प्रॉपर्टी और प्रॉपर्टी बाजार पर नजर रखती है. कंपनी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अलावा मुंबई महानगर क्षेत्र, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरू, हैदराबाद और पुणे में संपत्ति बाजार पर नजर रखती है.

कंपनी के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मुंबई महानगर क्षेत्र इस मामले में सबसे आगे रहा. खुली जमीन की कमी से जूझ रहे इस महानगर में 2019 में 734 परियोजनाएं शुरू की गई जिनमें से 75 प्रतिशत बहुमंजिला इमारतें होंगी. कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई महानगर क्षेत्र में 20 मंजिला इमारतें अब सामान्य बात है. मुंबई शहर भी न्यूयॉर्क, हॉन्गकॉन्ग और टोक्यो की श्रेणी में पहुंच रहा है जहां 50 मंजिल तक की इमारतें हैं. मुंबई महानगर के बाद दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है जहां नई परियोजनाओं में से 70 प्रतिशत बहुमंजिला इमारतों की श्रेणी में हैं. 

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इसी प्रकार बेंगलुरु में 45 प्रतिशत, पुणे में 41 प्रतिशत आवासीय परियोजनाएं 20 मंजिल या इससे ऊंची होंगी. हैदराबाद में ऐसी परियोजनाओं की संख्या 23 प्रतिशत, कोलकाता में 21 प्रतिशत और चेन्नई में 16 प्रतिशत है. इसके विपरीत कई वर्गमीटर जमीन पर फैले विला और आलीशान घरों की मांग और आपूर्ति तेजी से घट रही है. एनारॉक के मुताबिक 2014 में 5.45 लाख आवासीय इकाइयों में से पांच प्रतिशत विला थे जबकि 2019 में यह हिस्सा घटकर दो प्रतिशत रह गया. इस दौरान 2.37 लाख फ्लैट बनाने की परियोजनायें शुरू हुईं.