Adani Group: हिंडनबर्ग के बाद एक बार फिर से अदानी ग्रुप मुश्किल में घिरती नजर आ रही है. ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की एक फ्रेश रिपोर्ट में अदानी ग्रुप पर नए सिरे से आरोप लगाए गए हैं. जिसके मुताबिक, अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने ही शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया. OCCRP ने इसमें अडानी ग्रुप के मॉरीशस में किए गए ट्रांजैक्शंस की डीटेल्स का भी खुलासा करने का दावा किया है. इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके JPC की मांग की है. उन्होंने पूछा कि इस मामले पर पीएम मोदी चुप क्यों है?

अदानी मामले की हो जांच

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अडानी ग्रुप को लेकर आई ताजा रिपोर्ट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ती, जिसमें उन्होने कहा कि एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को उन रिपोर्टों की जांच करनी चाहिए, जिसमें दावा किया गया है कि अडानी परिवार के सहयोगियों ने मॉरीशस से कंपनी में सैंकड़ों करोड़ रुपये का निवेश किया है. राहुल ने अडानी ग्रुप पर निशाना साधते हुए कहा कि अडानी मामले की गहन जांच होनी चाहिए. इस पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं? वह इसकी जांच क्यों नहीं कराते?

विदेशी अखबारों में उठे अडानी ग्रुप पर सवाल

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फेंस में अखबारों को दिखाते हुए कहा कि प्रमुख ग्लोबल फाइनेंस अखबारों में अडानी मामले पर बहुत से सवाल उठाए हैं. देश में G20 बैठक से पहले भारत की प्रतिष्ठा दांव पर है. PM Modi को कार्रवाई करनी चाहिए और अडानी मामले की जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये कोई आम अखबार नहीं हैं. ये भारत में निवेश और भारत को लेकर दुनिया की धारणा को प्रभावित करते हैं. 

किसका 1 अरब डॉलर देश के बाहर गया?

राहुल गांधी ने कहा कि ये अखबार इस बात का दावा कर रहे हैं कि भारत से एक अरब डॉलर बाहर गया और विभिन्न जगहों से होते हुए फिर भारत वापस आ गया. ऐसे में सवाल उठता है कि यह पैसा किसका है? ये अडानी का है या किसी और का? 

राहुल गांधी ने कहा कि इसके पीछे मास्टरमाइंड विनोद अडानी हैं, जो कि गौतम अडानी के भाई हैं. पैसे की इस हेरा-फेरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं. एक सज्जन हैं जिनका नाम नासिर अली शाबान अहली है और दूसरे एक चीनी सज्जन हैं जिनका नाम चांग चुंग लिंग है.

गांधी ने कहा, " दूसरा सवाल उठता है - इन दो विदेशी नागरिकों को उन कंपनियों (अडानी ग्रुप) में से एक के मूल्यांकन के साथ खेलने की अनुमति क्यों दी जा रही है जो लगभग सभी भारतीय बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करती है."

राहुल गांधी ने कहा कि जिस सज्जन ने अडानी मामले में SEBI जांच की और अडानी समूह को क्लीन चिट दी, वह अब उसी समूह के स्वामित्व वाली एक मीडिया कंपनी के डायरेक्टर हैं.

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