कर्ज में फंसी एस्सार स्टील ने कर्जदाताओं की समिति द्वारा अधिग्रहण के लिये आर्सेलरमित्तल को चुने जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि समिति को प्रवर्तकों द्वारा सभी बकाया भुगतान के लिये की गयी पेशकश पर विचार करना चाहिए. उसने 54,389 करोड़ रुपये की पेशकश को सभी संबंधित पक्षों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ करार दिया और कहा कि इसे प्रक्रिया में कुछ विलंब का हवाला देकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

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एस्सार स्टील के प्रवर्तकों ने परिचालन ऋणदाताओं समेत सभी बकाये के भुगतान के लिए वृहस्पतिवार को 54,389 करोड़ रुपये की पेशकश की थी. हालांकि कर्जदाताओं की समिति ने आर्सेलरमित्तल के 42 हजार करोड़ रुपये की पेशकश को चुन लिया. कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब एस्सार स्टील के प्रबंधन तथा शेयरधारकों ने कोई समाधान योजना की पेशकश की हो.

उसने कहा, 'कंपनी एनसीएलटी में मामला आने से पहले भी लगातार ऋणदाताओं के सामने पुनर्संरचना की योजना रख रही थी. एनसीएलटी में मामला आने के बाद भी एस्सार स्टील के शेयरधारकों ने समिति के समक्ष अप्रैल 2018 में तथा जुलाई 2018 में प्रस्ताव रखा था.' उसने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों मौकों पर समिति ने एस्सार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. हम अब 12ए के तहत एक बार फिर समिति के सामने पेशकश रख रहे हैं जो समिति द्वारा विचार किये जा रहे किसी भी अन्य पेशकश से बेहतर है.'

इससे पहले आर्सेलर मित्तल ने कहा था कि बैंक कर्ज में डूबी एस्सार स्टील इंडिया लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए उसे चुन लिया गया है. उसने कहा कि एस्सार स्टील के लिए उसकी योजना उत्पादकता बढ़ाने के साथ मुनाफा बढ़ाना है. एस्सार स्टील पर बैंकों का 49,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. बयान में कहा गया है कि कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने आर्सेलर मित्तल और उसके साझीदार जापान के निप्पन स्टील एंड सुमितोमो मेटल कॉरपोरेशन को आशय पत्र जारी कर उन्हें ‘सफल आवेदक’ घोषित किया है.