Price Hike: 3-5 रुपए प्रति किलो दाम बढ़ा सकती हैं पेपर कंपिनयां, 1 सितंबर से लागू होगी नई कीमत
Paper Industry Price Hike: देश की पेपर इंडस्ट्री ने आने वाले समय में दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. घरेलू बाजार (Domestic Market) में पेपर कंपनियां अपने दाम बढ़ा सकती हैं.
Paper Industry Price Hike: महंगाई की मार को देखते हुए और चीन से इम्पोर्ट कम करने पर ज्यादा फोकस की वजह से अब पेपर कंपनियां अपने दाम बढ़ा सकती हैं. देश की पेपर इंडस्ट्री ने आने वाले समय में दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. घरेलू बाजार (Domestic Market) में पेपर कंपनियां अपने दाम बढ़ा सकती हैं. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, पेपर इंडस्ट्री 3 से 5 रुपए प्रतिकिलो दाम बढ़ा सकती है, इसका मतलब ये हुआ कि आने वाले समय में पेपर और पेपर से बनने वाला कोई भी प्रोडक्ट महंगा हो सकता है.
5% तक बढ़ सकते हैं दाम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पेपर इंडस्ट्री घरेलू बाजार में दाम बढ़ाने की तैयारी कर रही है. इसी सिलसिले में 3-5 रुपए प्रति किलो दाम बढ़ाने की योजना है और ऐसा माना जा रहा है कि अब 5 फीसदी तक दाम बढ़ सकते हैं. बता दें कि पेपर इंडस्ट्री की ओर से बढ़ाए जा रहे ये दाम 1 सितंबर से लागू हो जाएंगे.
अगस्त में भी बढ़ाई थी कीमत
बता दें कि इससे पहले पेपर इंडस्ट्री की ओर से अगस्त में भी दाम बढ़ाए गए थे और अगस्त महीने में पेपर इंडस्ट्री की ओर से 8 फीसदी तक कीमत बढ़ाने का ऐलान किया गया था. ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने बताया कि चीन से पेपर इम्पोर्ट कम होने की वजह से घरेलू बाजार में पेपर इंडस्ट्री दाम बढ़ाने की योजना बना रही है.
बता दें कि चीन में पेपर प्रोडक्शन कम हो रहा है, जिसका फायदा घरेलू पेपर इंडस्ट्री को देखने को मिल रहा है. इसी महीने 8 फीसदी दाम बढ़ाने के बाद अब कंपनियां 5 फीसदी दाम बढ़ा रही हैं, यानी कि दो महीने में कंपनी ने 13 फीसदी दाम बढ़ाने का फैसला किया है.
सरकार ने पेपर इंडस्ट्री को दी थी ये राहत
केंद्र सरकार ने घरेलू पेपर इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए इम्पोर्ट पर सख्ती बढ़ा दी है. पेपर इम्पोर्ट पर निगरानी के लिए 1 अक्टूबर से PIMS (Paper Import Monitoring System) लागू होगा. इसके लिए 15 जुलाई से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है.
PIMS से अन्य कैटेगरी में कागज इम्पोर्ट पर लगाम लगेगी. पेपर उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए यह अहम कदम है. सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने के बाद सरकार का ये कदम पेपर इंडस्ट्रीज के लिए बूस्टर होगा.