Piramal Ent Share Buyback: शेयर बाजार में निवेश करने वाले छोटे, रिटेल या बड़े इन्वेस्टर ध्यान दें. पीरामल एंटरप्राइजेज ने अपने शेयरधारकों के लिए बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने कुछ समय पहले बायबैक का ऐलान किया था लेकिन अब ताजा अपडेट ये है कि ये बायबैक (Stock buyback) इसी महीने से खुलने जा रहा है. कंपनी की ओर से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक, ये बायबैक 31 अगस्त को खुलेगा और 6 सितंबर तक खुला रहेगा. इस दौरान कंपनी अपने ही निवेशकों से शेयरों को बायबैक करेगी. इस प्रक्रिया के तहत कंपनी ऊंचे भाव पर निवेशकों से शेयरों का बायबैक करती है और इससे निवेशकों को कई बार बढ़िया मुनाफा भी होता है. 

Piramal Ent Buyback की रिकॉर्ड डेट

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कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर फाइलिंग के दौरान कंपनी ने स्टॉक बायबैक की डेट 25 अगस्त तय की गई है. फाइलिंग के दौरान कंपनी ने बताया कि वो निवेशकों से इस शेयर को 1250 रुपए प्रति शेयर के भाव पर खरीदेगी. बता दें कि 28 अगस्त 2023 के क्लोजिंग डाटा के मुताबिक, शेयर का भाव 1106.40 दर्ज हुआ. 

1.4 करोड़ शेयरों का होगा बायबैक

BSE फाइलिंग के दौरान कंपनी ने बताया कि वो कुल 1.40 करोड़ शेयरों का बायबैक करने वाली है. इस बीच जिन भी निवेशकों के पास इस कंपनी के शेयर होंगे, उनसे कंपनी 1250 रुपए प्रति शेयर की दर से बायबैक करेगी. बता दें कि 25 अगस्त रिकॉर्ड डेट तय की गई है. यानी कि 25 अगस्त कंपनी की बैलेंसशीट में जिन निवेशकों के नाम होंगे, सिर्फ वो ही निवेशक इस बायबैक के लिए एलिजिबिल होंगे. 

6 सितंबर तक खुला रहेगा बायबैक

Piramal Ent का बायबैक 31 अगस्त को खुलेगा और 6 सितंबर को बंद होगा. बता दें कि बायबैक प्रक्रिया के दौरान निवेशकों को पैसा सीधा बैंक खाते में आएगा. कंपनी टेंडर रूट के जरिए इस बायबैक को लाने वाली है. बता दें कि कोई भी कंपनी दो तरीके से बायबैक लाती है, एक- टेंडर के जरिए और दूसरा ओपन मार्केट के जरिए. 

ओपन मार्केट और टेंडर ऑफर के बीच अंतर

ओपन मार्केट के तहत कंपनी सेकेंडरी मार्केट के जरिए अपने शेयर खरीदती है. खुद कंपनी के ब्रोकर ही ये शेयर ट्रांजैक्शन करते हैं. टेंडर ऑफर के मुकाबले ओपन मार्केट के जरिए शेयर बायबैक करने में ज्यादा समय लगता है, लेकिन ओपन मार्केट ये जरूरी नहीं कि कंपनी बायबैक के लिए एक प्राइस तय करे. ये डील ओपन मार्केट के जरिए हो रही है तो ब्रोकर कंपनी के शेयर नॉर्मल तरीके से एक्सचेंज से खरीदते हैं. ओपन मार्केट के जरिए कंपनी बाजार में जो शेयर का भाव चल रहा है, उसके आधार पर ही खरीदारी करती है.

टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट प्रोसेस के बीच जो सबसे बड़ा अंतर है वो ये कि कंपनी टेंडर ऑफर के समय अपना बायबैक कैंसिल नहीं कर सकती है. जितनी ड्यूरेशन के लिए बायबैक निकाला होगा, कंपनी को उतनी ड्यूरेशन में शेयर खरीदने होंगे लेकिन ओपन मार्केट में कंपनी अपना बायबैक कैंसिल कर सकती है.

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