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'लोकल पर वोकल': एक ऐसा देसी प्रोडक्ट, जिसे देश के PM के कहने पर शुरू किया, फिर बना इंटरनेशनल ब्रांड

लोकल पर वोकल हो जाइए और इसे ग्लोबल बनाइए... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ये शब्द देश को आत्मनिर्भर बनाने का मंत्र देते हैं. देसी वस्तुओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देना और उसका प्रचार करने की सीख देते हैं. पीएम का मानना है कि लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी है. हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना होगा. यह पहली बार नहीं है, जब किसी प्रधानमंत्री ने लोकल प्रोडक्ट पर जोर दिया हो. ऐसी ही एक कहानी टाटा के ब्यूटी प्रोडक्ट की भी है.
Updated on: May 14, 2020, 10.13 AM IST
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लैक्मे की हुई थी शुरुआत

भारत में एक ऐसा प्रोडक्‍ट लॉन्‍च कि‍या गया, जि‍से कि‍सी कंपनी ने कस्‍टमर्स की जरूरत को देखते हुए नहीं बनाया. ये वो प्रोडक्‍ट था जिसे एक राजनेता के कहने पर देश के दि‍ग्‍गज इंडस्‍ट्रलि‍स्‍ट ने बनाया था. वो भी महि‍लाओं का ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट. लोकल प्रोडक्ट की डिमांड करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे. प्रोडक्ट बनाने वाले इंडस्‍ट्रलि‍स्‍ट जेआरडी टाटा थे और प्रोडक्‍ट था ‘लैक्मे’. आइए जानते हैं लैक्मे को कब और क्‍यों लॉन्‍च कि‍या गया.

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नेहरू के कहने पर टाटा ने बनाया लैक्मे

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इस बात को लेकर चिंति‍त थे कि भारतीय महि‍लाएं ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट्स पर बड़े पैमाने पर वि‍देशी मुद्रा खर्च कर रही हैं. ऐसे में नेहरू ने व्‍यक्‍ति‍गत रूप से जेआरडी टाटा को भारत में एक ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट की मैन्‍युफैक्‍चरिंग करने का नि‍वेदन कि‍या. साल 1952 में टाटा ऑयल मि‍ल (टोमको) ने 100 फीसदी सब्‍सि‍डयरी कंपनी लैक्मे लीवर की शुरुआत की. सि‍मोनी टाटा इस कंपनी की चेयरपर्सन बनी थीं. करीब 68 साल पहले शुरू हुए इस प्रोडक्‍ट ने वि‍देशी ब्रांड्स के बीच अपनी जगह बनाई और आज इसका मार्केट शेयर 17.7 फीसदी से ज्‍यादा हो गया है.

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हिंदुस्‍तान यूनि‍लि‍‍वर का हुआ लैक्मे

1996 में टाटा ने लैक्मे लीवर की 100 फीसदी हि‍स्‍सेदारी एचएलएल जिसे अब हिंदुस्‍तान यूनि‍लि‍वर लि‍मि‍टेड (HUL) के नाम से जाना जाता है, उसे 200 करोड़ रुपए में बेच दि‍या. इस वक्‍त HUL के प्रोडक्‍ट पोर्टफोलि‍यो में सबसे ज्‍यादा प्रॉफि‍टेबल प्रोडक्‍ट लैक्मे ही है. 

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ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट से लेकर फैशन शो तक

लैक्मे के नाम से ब्‍यूटी इंडस्‍ट्री में नया बि‍जनेस शुरू कि‍या गया. लेक्मे ने देश भर में ब्‍यूटी सैलून खोला. आज एचयूएल के पास देश भर में 230 लैक्मे ब्‍यूटी सैलून हैं. इसमें से 56 सैलून कंपनी खुद चला रही है जबकि 174 लैक्मे सैलून की फ्रेंचाइजी है. इसके बाद, साल 2000 में लैक्मे ने फैशन इंडस्‍ट्री में कदम रखा. आज यह इसे लैक्मे फैशन वीक के नाम से जाना जाता है. लैक्मे फैशन वीक साल में दो बार आयोजि‍त कि‍या जाता है. आज इसके साथ कई नामी फैशन डि‍जाइनर्स, फोटोग्राफर और सेलेब्रि‍टि‍ज जुड़ चुके हैं.

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लैक्मे ने कमाया नाम

ब्रांड ट्रस्‍ट रि‍पोर्ट 2012 में इंडि‍या के सबसे ज्‍यादा ट्रस्‍टेड ब्रांड्स में लैक्मे की रैंकिंग 104 थी, जो 2013 में 71वें पायदान पर पहुंच गई और 2014 में 36वें स्‍थान हासिल किया. 2018 की ब्रांड ट्रस्‍ट रिपोर्ट में लैक्मे FMGC सुपर कैटेगरी में पतंजली के बाद दूसरे पायदान पर है. ब्रांड ट्रस्‍ट रिपोर्ट ट्रस्‍ट रि‍सर्च एडवाइजरी तैयार करती है, जो कि एक ब्रांड एनालि‍टि‍क्‍स कंपनी है.

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लैक्मे का है खुद का ऐप

मेकअप करने की शौकीन लोगों के लिए लैक्मे का खुद का ऐप भी है. यह Lakmé Makeup Pro ऐप नाम से है. इस ऐप में आपके स्मार्टफोन का कैमरा आपके लिए मिरर का काम करता है. इसकी मदद से आप हजारों नए-नए लुक ट्राई कर सकते हैं. यह ऐप आपके स्किनटोन और स्किन टाइप के अनुसार मेकअप टिप्स भी देता है. Lakmé Makeup Pro ऐप को अब तक 5 हजार से अधिक लोगों ने डाउलोड किया है. यह एंड्रॉइड के 4.0 वर्जन पर काम करता है.

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97000 करोड़ का ब्यूटी मार्केट

2018 तक भारत का ब्यूटी एंड पर्सनल केयर मार्केट 97100 करोड़ रुपए का हो चुका है. इसमें कलर्ड कॉस्मेटिक करीब 8000 करोड़ रुपए का है. वहीं, स्कीन केयर की 12500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. रिसर्च फर्म के मुताबिक, 2022 तक कलर्ड कॉस्टमेटिक का मार्केट 17.4 फीसदी की तेजी के साथ बढ़ेगा. वहीं, स्कीन केयर मार्केट का 10.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. ऐसे लैक्मे का वर्चस्व मार्केट पर बना रह सकता है.