Paytm Payments Bank: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (PPBL) पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नियामकीय कार्रवाई ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों का ध्यान कानून के अनुपालन के महत्व की ओर खींचा है. चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि नियामकीय अनुपालन कंपनियों के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं हो सकता, बल्कि यह एक ऐसा पहलू है जिसपर प्रत्येक उद्यमी को पूरा ध्यान देना चाहिए. 

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चंद्रशेखर ने कहा, "Paytm Payments Bank का मुद्दा एक ऐसा मामला है जहां एक आक्रामक इंडस्ट्री रेगुलेटरी कंप्लायंस की जरूरत को महसूस करने में विफल रहा है, और कोई भी कंपनी अनुपालन से बच नहीं सकती है." 

सभी कंपनियों को कानून का पालन करना होगा

Paytm Payments Bank संकट के बीच मंत्री ने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने PPBL को 15 मार्च से नई जमा स्वीकार करने से रोक दिया है, और कंपनी के खिलाफ अपनी कार्रवाई की किसी भी समीक्षा से इनकार कर दिया है. 

पेटीएम के मुद्दे ने बढ़ाई इंडस्ट्री की चिंता

चंद्रशेखर ने कहा कि यह धारणा कि PPBL पर RBI की कार्रवाई ने Fintech क्षेत्र को परेशान कर दिया है, इसका सही चित्रण नहीं है. राजनीतिज्ञों, उद्यमियों और प्रौद्योगिकी दिग्गज इस बात से सहमत नहीं है कि Paytm Bank मुद्दे ने पूरे फिनटेक इंडस्ट्री के लिए चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि यह धारणा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक की कार्रवाई ने फिनटेक को परेशान कर दिया है...मुझे नहीं लगता कि इसका सही चित्रण है. 

चंद्रशेखर ने कहा, "मुझे लगता है कि इसने फिनटेक उद्यमियों का ध्यान इस तथ्य की ओर खींचा है कि आपको यह भी जानना होगा कि कानून का अनुपालन कैसे करना है. रेगुलेटरी कंप्लायंस दुनिया के किसी भी देश के लिए 'वैकल्पिक' नहीं है. निश्चित रूप से भारत में ऐसा नहीं है और उद्यमियों को इसपर अधिक ध्यान देने की जरूरत है." 

कंपनियां कर देती है नियमों की अनदेखी

चन्द्रशेखर ने आगे कहा कि उद्यमी आमतौर पर जो कुछ भी बना रहे हैं, उसपर इतना ध्यान केंद्रित करने लगते हैं कि कभी-कभी वे रेगुलेटरी द्वारा निर्धारित नियमों की अनदेखी कर देते हैं. PPBL वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का सहयोगी इकाई है. वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल की चुकता शेयर पूंजी (सीधे और अपनी अनुषंगी कंपनी के माध्यम से) का 49 प्रतिशत हिस्सा है. 

पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विजय शेखर शर्मा की बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है. रिजर्व बैंक ने PPBL के ग्राहकों और दुकानदारों को अपने खाते 15 मार्च तक अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने को कहा है. इसके साथ केंद्रीय बैंक ने संकट में फंसी कंपनी को अपने ज्यादातर परिचालन को बद करने के लिए 15 दिन का और समय दे दिया है.