देश में 18 लाख से ज्यादा कंपनियां रजिस्‍टर्ड हैं, लेकिन अक्टूबर के अंत तक इनमें से केवल 62 प्रतिशत ही चालू हालत में हैं. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के नवीनतम आंकड़े के अनुसार सक्रिय कंपनियों में से अधिकतर कंपनियां सेवा क्षेत्र की हैं. इनमें से 6.46 लाख से अधिक कंपनियां बंद हो चुकी हैं. बाकी बहुत सी कंपनियां विभिन्न नियामकीय प्रक्रियाओं से गुजर रही हैं, जिसमें उनके परिसमापन की प्रक्रिया भी शामिल हैं. इस तरह इस समय कुल सक्रिय कंपनियों की संख्या 11.16 लाख है.

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मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर के अंत तक कुल पंजीकृत कंपनियों की संख्या 18.10 लाख से थोड़ी अधिक थी. कुल पंजीकृत कंपनियों में से अक्टूबर तक सक्रिय कंपनियों की संख्या करीब 62 प्रतिशत थी. गौरतलब है कि देश में काम करने वाली कंपनियों को कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना होता है. इस अधिनियम को देश में कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय लागू करता है.

कुल कंपनियों में से 6,46,882 कंपनियां बंद हो चुकी हैं. इसमें 10,574 का परिसमापन कर दिया गया है जबकि 6,00,048 को असक्रिय घोषित हैं. इसके अलावा 39,736 कंपनियां का पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया जारी है. वहीं 9,565 कंपनियों को सीमित उत्तरदायित्व साझेदार कंपनियों में परिवर्तित किया गया है. कुल सक्रिय 11.16 लाख कंपनियों में से 11.09 लाख कंपनियां शेयर आधार पर चलने वाली कंपनियां हैं. इसमें 64,547 कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र की और 1,044,806 निजी कंपनियां हैं.

अक्टूबर के अंत तक सबसे अधिक पंजीकृत कंपनिया महाराष्ट्र में हैं जहां यह संख्या करीब 3.59 लाख है. वहीं 3.26 लाख पंजीकरण के साथ दिल्ली दूसरे और 1.98 लाख पंजीकरण के साथ पश्चिम बंगाल तीसरे स्थान पर है. सक्रिय कंपनियों में से 3.57 लाख कंपनियां सेवा क्षेत्र में कारोबार करती हैं जबकि 2.23 लाख विनिर्माण क्षेत्र में काम कर रही हैं.