प्याज की चर्चा आजकल हर जगह है. इसकी वजह है महंगी कीमत. सरकार ने अब कीमत को नियंत्रण में लाने की कवायद तेज कर दी है. सरकार ने रविवार को प्याज के खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट तय कर दी है. खुदरा व्यापारी अब 100 क्विंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख सकेंगे. थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा 500 क्विंटल तय की गई है.

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उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने आज एक ट्वीट में यह जानकारी दी है. उन्होंने इस पोस्ट में यह भी कहा है कि केंद्र की तरफ से राज्य सरकारों को भी प्याज की जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. पासवान ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि अभी तक परिस्थितियों के मुताबिक, राज्य सरकारें स्टॉक लिमिट लागू करती रही हैं. पहली बार केन्द्र ने पूरे देश में एक साथ स्टॉक लिमिट लगाया है. साथ ही राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इससे बहुत जल्द बाजार में प्याज की कीमतें कम होंगी."

पासवान ने कहा, "सरकार ने इस साल नैफेड के जरिये 56,700 टन प्याज का केन्द्रीय बफर स्टॉक बनाया है. इस स्टॉक से दिल्ली, हरियाणा, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को उनकी मांग के अनुसार प्याज की सप्लाई की जा रही है. अन्य राज्यों से भी कहा गया है कि जितना चाहें प्याज ले सकते हैं." वहीं, सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर भी सरकार ने रविवार को बैन लगा दिया.

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फिलहाल देश की राजधानी में प्याज का खुदरा दाम अभी भी करीब 40-60 रुपये प्रति किलो चल रहा है. दिल्ली में प्याज 60-70 रुपये किलो बिकने लगा था, जिसके बाद सरकार ने प्याज की कीमत को काबू में रखने के लिए कदम उठाए हैं. दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव शनिवार को 17-42.50 रुपये प्रति किलो था, जोकि एक सप्ताह पहले 50 रुपये प्रति किलो तक चला गया था.