8 प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की 97 फीसदी बढ़ी डिमांड, जनवरी-मार्च में 1.14 करोड़ स्क्वायर फुट हुआ आंकड़ा
Office Space Demand: रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ऑफिस सेक्टर में 2022 की पहली तिमाही में मजबूत सुधार जारी रहा और लीज गतिविधियां सालाना आधार पर 97 प्रतिशत बढ़कर 1.14 करोड़ स्क्वायर फुट पर पहुंच गईं
Office Space Demand: देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू कैलेंडर साल की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही के दौरान ऑफिस स्पेस की डिमांड में काफी तेजी दर्ज की गई. टेक्नोलॉजी और बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) कंपनियों की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत रही. संपत्ति सलाहकार सीबीआरई (CBRE) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ऑफिस सेक्टर में 2022 की पहली तिमाही में मजबूत सुधार जारी रहा और लीज गतिविधियां सालाना आधार पर 97 प्रतिशत बढ़कर 1.14 करोड़ स्क्वायर फुट पर पहुंच गईं.
इन सेक्टर्स की ज्यादा हिस्सेदारी
सीबीआरई ने कहा कि, ‘‘कार्यालय स्थलों की मांग में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत रही. उसके बाद 17 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बीएफएसआई कंपनियां दूसरे स्थान पर रहीं. लचीले स्थल परिचालकों की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग की 12 प्रतिशत और रिसर्च, परामर्श और विश्लेषण फर्मों की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत रही.’’
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तिमाही के दौरान लीज गतिविधियों में बेंगलुरु, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर दबदबा रहा. कुल ऑफिस स्पेस डिमांड में इनकी हिस्सेदारी दो-तिहाई रही.
डिमांड कायम रहने की उम्मीद
सीबीआरई भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि, ‘‘सरकार के कोविड-19 प्रोटोकॉल और 2021 में कार्यालय स्थलों की मांग में सुधार के चलते हमें 2022 में भी यही रफ्तार कायम रहने की उम्मीद है.’’
आंकड़ों के अनुसार, 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कार्यालय स्थलों की पट्टे पर मांग 87 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख वर्ग फुट हो गई.
मुंबई में यह आठ लाख वर्ग फुट रही, जो एक साल पहले की समान अवधि से 70 प्रतिशत अधिक है. वहीं बेंगलुरु में कार्यालय स्थलों की मांग 43 फीसदी बढ़कर 35 लाख वर्ग फुट हो गई. चेन्नई में यह कई गुना होकर 23 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई. हैदराबाद में कार्यालय स्थल की मांग 75 प्रतिशत बढ़कर 14 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई. पुणे में यह बढ़कर 11 लाख वर्ग फुट रही.