नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गुरुवार को आरएचसी होल्डिंग्स में कुप्रबंध के आरोप में शिविंदर सिंह की याचिका पर मलविंदर मोहन सिंह, रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी और अन्य को गुरुवार को नोटिस जारी किए. एनसीएलटी ने कंपनी की शेयरधारिता और निदेशक मंडल के स्वरूप यथावत रखने का भी निर्देश दिया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

न्यायाधिकरण ने मलविंदर के छोटे भाई शिविन्दर सिंह और शिविन्दर की पत्नी अदिति सिंह के साथ साथ याचिका में प्रतिवादी बनाए गए मलविंदर सिंह को आरएचसी होल्डिंग्स के दस्तावेजों की जांच करने तथा रिकार्ड की फोटोकापी लेने की अनुमति दे दी. एनसीएलटी अध्यक्ष न्यायाधीश एम एम कुमार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ के समक्ष विचाराधीन इस याचिक में शिविन्दर ने आरएचसी होल्डिंग्स में गड़बडी और कुप्रबंधन के आरोप लगाये हैं. फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविन्दर मोहन सिंह ने याचिका दायर कर अपने बड़े भाई मलविंदर को आरएचसी होल्डिंग्स के निदेशक मंडल से हटाने और कंपनी के निदेशक मंडल के फिर से पुनर्गठन की अनुमति देने का आग्रह किया गया है. 

न्यायाधिकरण ने मलविंदर सिंह तथा अन्य प्रतिवादियों को 10 दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा. साथ ही शिविन्दर सिंह को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा देने को कहा है. अगली सुनवाई नौ अक्तूबर को होगी. शिविन्दर ने अपनी याचिका में आरएचसी होल्डिंग्स के रिकार्ड के साथ अवैध रूप से गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इसमें उनकी (शिविन्दर) पत्नी अदिति सिंह के फर्जी दस्तखत करना शामिल है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मलविंदर तथा गोधवानी ने एक-दूसरे के साथ साठगांठ कर कंपनी के हितों को नुकसान पहुंचाया.